3 prisoners freed from Rewa Central Jail: संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की पूरे देश में जयंती मनाई जा रही है. इस वर्ष बाबा साहेब आंबेडकर की 135वीं जयंती है. इस मौके पर रीवा सेंट्रल जेल से 3 कैदियों को रिहा किया गया. यह सभी कैदी हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. सभी ने अपनी सजा के 20 साल पूरे कर लिए थे. जिसमें 14 साल की सजा और 6 साल सूखे के शामिल है.
हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे ये कैदी
आजीवन कारावास की सजा पाये सेंट्रल जेल के तीन कैदियों की आज जेल से रिहाई हो गई. जिसमें दो सगे भाई हैं. जिन्होंने अपनी 14 साल की सजा और 6 साल सूखे मिलाकर 20 साल की सजा पूरी कर ली थी. कैदियों का कहना है कि अब हम अपने गांव जाकर वो काम करेंगे, जो हमने जेल में सीखा है.
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जयंती के मौके पर आज रीवा सेंट्रल जेल से तीन कैदियों की रिहाई हुई. इन तीन कैदियों ने अच्छे व्यवहार के साथ 14 साल की सजा और 6 साल सूखे मिलाकर कुल 20 साल पूरे कर लिए हैं, जिसके चलते उनकी रिहाई का प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार को भेजा गया था. वहां से अनुमति मिलने के बाद आज इन तीनों कैदियों को रिहा कर दिया गया.
इन कैदियों को किया गया रिहा
रीवा के सेंट्रल जेल से आज जिन तीन कैदियों की रिहाई हुई. वो तीनों कैंदी सेंट्रल जेल में आजंम कारावास में सजा भुगत रहे थे. जिसमें से दो लोग शहडोल जिले के हैं. ये दोनों सगे भाई हैं. शहडोल के जैसिहनगर के कोठली के रहने वाले भोला बैगा के बेटे जयलाल बैगा और मंगलू बैगा है. इसके अलावा मंनगवा थाना के अतरैला गांव के रहनेवाले प्रेमलाल कोल के बेटे रोशन कोल हैं.
रीवा जेल सुपरिंटेंडेंट एस के उपाध्याय ने बताया कि तीनों कैदियों ने अपनी सजा की अवधि को पूरा कर लिया था. अच्छे व्यवहार के चलते हमने जिला प्रशासन के माध्यम से भोपाल प्रस्ताव भेजा था. वहां से मंजूरी मिलने के बाद आज इनको रिहा किया गया. जेल में इन्होंने जो भी सीखा है, इनके आगे के जीवन के लिए काम आएगा. हमने संबंधित जिला प्रशासन से भी आग्रह किया है कि शासन के द्वारा जो भी सुविधा सबको मिलती हैं, वो इन्हें भी दिया जाए, ताकि इनका आगे का जीवन बेहतर हो सके.