अयोध्या के साथ ही 22 जनवरी को ग्वालियर की सेंट्रल जेल में भी होगी प्राण प्रतिष्ठा, कैदियों को है बेसब्री से इंतजार...

सेंट्रल जेल के अधीक्षक विदित सरवैया ने बताया कि यहां के जो कैदी है वे अयोध्या तो जा नहीं सकते. इसलिये उनके आध्यात्मिक विकास और आपसी मेलजोल के लिए हमने जेल के अंदर भी एक मंदिर की स्थापना करवाई है. इसमें 22 तारीख को ही राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है.

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जेल में बन रहा है राम मंदिर

Madhya Pradesh News: इस समय हर किसी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार है. वहीं ग्वालियर के सेंट्रल जेल के कैदी भी 22 जनवरी की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि जिस दिन अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी उसी दिन ग्वालियर की सेंट्रल जेल में भी भगवान राम, माता जानकी और हनुमान जी सहित पूरे राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यहां भी मंदिर बनकर तैयार है और उसमें प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों से चल रही हैं इसको लेकर कैदी भावुक भी हैं और उत्साहित भी हैं.

जेल के अंदर उठा सकेंगे प्राण प्रतिष्ठा का आनंद

मध्यप्रदेश की पुरानी और बड़ी जेल सेंट्रल जेल है, जिसमें तीन से साढ़े तीन हजार तक कैदी रहते हैं. यहां भी कैदियों की अध्यात्मिकता को ध्यान में रखते हुए एक मंदिर का निर्माण किया गया है. संयोग ही है कि जब यह मंदिर तैयार हुआ तभी अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय होकर आ गयी, जिसके बाद तय किया गया कि जिस दिन अयोध्या में भगवान बिराजेंगे उस दिन को यादगार बनाने के लिए उसी दिन ग्वालियर सेंट्रल जेल में निर्मित हुए मंदिर में भी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसकी सूचना मिलने पर कैदी भी खुश हो गए क्योंकि वे अयोध्या तो नहीं जा सकते लेकिन अपने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के जरिए वे अयोध्या का आनंद उठा सकेंगे.

सेंट्रल जेल के अंदर बना राम दरबार

जेल के अंदर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में होंगे कैदी शामिल

सेंट्रल जेल के अधीक्षक विदित सरवैया ने बताया कि यहां के जो कैदी है वे अयोध्या तो जा नहीं सकते. इसलिये उनके आध्यात्मिक विकास और आपसी मेलजोल के लिए हमने जेल के अंदर भी एक मंदिर की स्थापना करवाई है. इसमें 22 तारीख को ही राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है. सरवैया कहते है कि यह समरसता का काम था इसलिए सभी कैदियों ने इसके निर्माण में सहयोग किया और प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में भी साढ़े तीन हजार कैदी शामिल होंगे.

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राम नाम लिखी किताबें भेजते है अयोध्या धाम 

सरवैया का कहना है कि जेल में रामधुन तो चलती ही है साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे कैदी है जो बुक में श्रीराम नाम लिखते हैं और यह सारी बुक नियमित तौर पर यहां से दंदरौआ धाम भेजी जाती है. जिनको वहां से अयोध्या जी भेजा जाता है. यह क्रम बीते पांच सालों से चल रहा है. उनका यह भी कहना है कि यहां जो रामधुन या सुंदरकांड का पाठ होता है उसमें अनेक मुस्लिम कैदी भी पाठ करने पहुंचते हैं क्योंकि उन्हें सुंदरकांड और श्रीराम चरित मानस की चौपाइयां मुखाग्र याद हैं, अब मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी खासे उत्साहित दिख रहे हैं.

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