कहते हैं कि कलयुग में बुरे लोग पूजे जाएंगे और सच्चे लोगों का अपमान होगा. मध्य प्रदेश के उज्जैन में बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां बुराई के प्रतीक समझे जाने वाले रावण दहन का जमकर विरोध किया गया.
इस सिलसिले में बुधवार को अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज और महाकाल सेना ने रावण दहन स्थल तक रैली निकाली और मटकी फोड़ कर विरोध जताया. दरअसल, यह सर्वविदित है कि भगवान राम ने दशानन रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. इसी उपलक्ष्य में हर साल नवरात्रि के बाद बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. इस परंपरा के निर्वहन के लिए दशहरा मैदान, दत्त अखाड़ा सहित कई स्थानों पर रावण दहन किया जाता है.
देश में रावण दहन बंद करने की मांग
इन स्थानों पर शुक्रवार को किए जाने वाले रावण दहन की तैयारी पूर्ण कर ली गई, लेकिन इस बार रावण दहन के विरोध में बुधवार की शाम महाकाल सेना के अध्यक्ष महेश पुजारी ने समाज जनों के साथ दशहरे मैदान तक वाहन रैली निकालकर मटकी फोड़ी. बता दें कि महाकाल सेना और ब्राह्मण समाज 20 सितंबर से रावण दहन का विरोध कर रहा है. संगठन ने रावण दहन को ब्राह्मणों का अपमान बताते हुए शहर में कई स्थानों पर पोस्टर लगाए थे. यही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर देश में रावण दहन बंद करवाने की मांग की थी.
'रामायण में रावण दहन नहीं'
रावण दहन के विरोध में अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज और महाकाल सेना अध्यक्ष महेश पुजारी ने परशुराम मंदिर में बैठक की थी, जिसमें देशभर में रावण दहन का विरोध कर ऐसे कार्यक्रम में शामिल न होने की अपील की गई थी. महेश पुजारी ने कहा कि रावण दहन बंद होना चाहिए. रामायण में कही रावण दहन का उल्लेख नहीं है. रावण दहन वो करें, जो राम की तरह हों. रावण ने जो किया अपनी बहन के कारण किया, जो लोग रावण को अभिमानी अत्याचारी बताते हैं, वो इतिहास बताएं.
पोस्टरों पर यह लिखा
रावण दहन करने वाली समितियां इन प्रश्नों का शास्त्र सम्मत उत्तर दें, या रावण दहन बंद करें.
- (1) रावण दहन क्यों? रावण अत्याचारी कैसे ?
- (3) महान विद्वान, शिव भक्त, शिव तांडव सहित अनेक जन उपयोगी ग्रंथों का रचयिता और राम जी के निवेदन पर रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना कराने वाले आचार्य ब्राह्मण का अपमान क्यों ?
- (4) श्रीराम को नारायण अवतार जानकार भी एक भाई ने अपनी बहन के साथ हुए अत्याचार रूपी चुनौती को स्वीकार किया और मोक्ष प्राप्त किया, तो क्या गुनाह किया?
- (5) लक्ष्मण क्षत्रिय थे और क्षत्रिय किसी महिला पर शस्त्र नहीं उठाते . सूर्पनखा ब्राह्मण कन्या व स्त्री थी, लेकिन एक क्षत्रिय ने उसके नाक और कान काट दिए, क्या यह उचित था.
- (6) यदि आपके परिवार के किसी सदस्य के साथ सूर्पनखा जैसा व्यवहार हो, तो आप क्या करेंगे?
- (7) एक साधारण व्यक्ति ने परम सती सीता जी पर उंगली उठाकर उनके चरित्र पर संदेह किया और पुनः सीता जी को वनवास जाना पड़ा. उस रजक ( धोबी) के विषय में आप क्या कहेंगे और करेंगे.
- (8) रावण को मारने पर भगवान श्री राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था, तो रावण दहन में सम्मिलित लोगों पर ब्रह्म हत्या का पाप लगेगा या नहीं? सनातन धर्म के लोगों को शास्त्र सम्मत उत्तर देने का कष्ट करें या ब्राह्मणों का अपमान करना बंद करें.