मध्यप्रदेश के पन्ना जिले से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां मरने के बाद भी एक आदिवासी को रिश्वत चुकानी पड़ गई. मिली जानकारी के मुताबिक, 8 सितंबर को एक आदिवासी शख्स आकाशीय बिजली की चपेट आ गया था. जिसके बाद उपचार के लिए उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कल्दा लाया गया. जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया. मामले में मृतक की पहचान प्रह्लाद (28) के तौर पर हुई है.
जानिए क्या है मामला?
मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम कराने के लिए लाया गया. जहां पर स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था का खामियाजा परिजनों को भुगतना पड़ा. बताया जा रहा है कि कल सुबह 9:00 बजे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने के बाद दोपहर 2:30 बजे तक परिजनों को स्वीपर का इंतजार करना पड़ा. साथ ही 1500 रुपये रिश्वत के तौर पर देने पड़े. मृतक के परिजनों का आरोप है कि पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए उनसे 1500 रुपये की मांग की गई.
"कोई पैसा शासन स्तर पर नहीं मिलता"
जहां इस मामले में पोस्टमार्टम में सहयोग करने वाले कथित रूप से बाहरी कर्मचारी रूप लाल बागरी ने भी एक बयान दिया है. उसका कहना है, "उसे इस काम के लिए शासन स्तर पर कोई पैसा नहीं मिलता है. साथ ही उसके पास आने-जाने के लिए गाड़ी में पेट्रोल भी नहीं होता है इसलिए वह हर पोस्टमार्टम के लिए 1500 रुपये लेता है." वहीं मामले में मृतक के परिजनों का कहना है कि उन्होंने इस अव्यवस्था की शिकायत पन्ना कलेक्टर हरजिंदर सिंह को मोबाइल के माध्यम से दी. इसके बाद भी उनको किसी भी तरीके की कोई सुविधा नहीं मिली ना ही भ्रष्टाचार के 1500 रुपये की ही छूट मिली.
उच्च अधिकारीयों को नोटिस जारी
वही यह भी बात निकाल कर सामने आई है कि आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है. इस मामले में जब पन्ना कलेक्टर से जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद जनसंपर्क विभाग के द्वारा प्रेस नोट जारी किया जाएगा. वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर वीएस उपाध्याय ने बताया कि बीएमओ सलेहा को नोटिस जारी कर मामले की जानकारी चाही गई है. जांच के उपरांत कार्रवाई की जाएगी.
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