Alami Tablighi Ijtima 2025: आलमी तब्लीगी इज्तिमा का सबसे अहम दिन आज, भोपाल में होगी दुआ-ए-खास, लाखों जायरीन होंगे शाामिल

Alami Tablighi Ijtima 2025: इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इलाके की सुरक्षा और यातायात के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. इज्तिमा स्थल की ओर आने वाले प्रमुख मार्गों पर पुलिस, ट्रैफिक स्टाफ होमगार्ड आदि तैनात रहेंगे.

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Alami Tablighi Ijtima 2025: भोपाल में चल रहे आलमी तब्लीगी इज्तिमा का आज सबसे अहम और खास दिन है. दुआ-ए-खास सुबह 10 बजे से 10:30 बजे के बीच होगी. इज्तिमा प्रबंधन के अनुसार, इस बार 10 से 12 लाख से ज्यादा जायरीन के शामिल होने की संभावना है. वहीं फजिर की नमाज के बाद की तकरीर मौलाना जकरिया हफीज करेंगे. हालांकि दुआ से पहले का बयान और दुआ-ए-खास हजरत मौलाना सआद साहब फरमाएंगे.

ट्रैफिक और सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम, रूट भी डाइवर्टेड

इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इलाके की सुरक्षा और यातायात के लिए कड़े इंतजाम किए हैं. इज्तिमा स्थल की ओर आने वाले प्रमुख मार्गों पर पुलिस, ट्रैफिक स्टाफ होमगार्ड आदि तैनात रहेंगे. इसके अलावा रूट डायवर्जन, अतिरिक्त पार्किंग और पैदल मार्गों को सुव्यवस्थित किया गया है.

रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी अतिरिक्त टिकट काउंटर, ATVM मशीनें और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

कैसे भोपाल में शुरू हुआ इज्तिमा?

भारत में आलमी तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत साल 1947 में भोपाल के पुराने शहर की मस्जिद शकूर खां से हुई. उस दौरान इसमें 13 लोग शामिल हुए थे. इसकी नींव मौलाना मिस्कीन साहब ने रखी थीं. हालांकि बढ़ती संख्या को देखते हुए साल 1971 में इसका आयोजन ताजुल मस्जिद परिसर में होने लगा. इसके बाद 2003 से ईंटखेड़ी में स्थानांतरित किया गया. अब यह करीब 300 एकड़ में फैले विशाल क्षेत्र में होता है. 
 

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