हरियाणा के फरीदबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन व ट्रस्ट अध्यक्ष जवाद सिद्दीकी के घर पर बुलडोजर चलाने का नोटिस जारी हो गया है. इंदौर के महू में स्थित उनके घर के बाहर कैंट बोर्ड (छावनी परिषद) ने नोटिस चस्पा कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि यह निर्माण अवैध है और इसे तीन दिन में खाली किया जाए, या फिर अवैध निर्माण को खुद ढहा दिया जाए. अन्यथा प्रशासन खुद ही घर को ढहा कर खर्चा की राशि निर्माणकर्ता से ही वसूलेगा.
कैंट बोर्ड ने जिस मकान को ढहाने का नोटिस जारी किया है, वह जवाद के पिता हम्माद अहमद सिद्दीकी के नाम पर है. वह महू के शहर काजी भी रह चुके हैं.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद चर्चा में आई यूनिवर्सिटी
दरअसल, दिल्ली के लाल किले पर स्थित कार में ब्लास्ट से चर्चा में आई अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को ईडी मंगलवार को गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, जवाद के भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को धोखाधड़ी मामले में इंदौर पुलिस ने हैदराबाद से रविवार को ही गिरफ्तार किया है.
विवि के खिलाफ एफआईआर हैं दर्ज
दिल्ली धमाके के मुख्य आरोपी डॉ उमर नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में ही काम करता था. यूनिवर्सिटी चेयरमैन पर भी आतंकियों को फंडिंग पहुंचाने जैसे गंभीर मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस द्वारा अल-फलाह विवि के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच शुरू की, जिस पर फंडिंग को लेकर कई तरह के आरोप लगे हैं.
हाल ही में यह भी सामने आया कि यूनिवर्सिटी को सात साल में 415 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. वित्तीय जांच में अल फलाह ट्रस्ट (Al Falah Charitable Trust) और इससे जुड़ी यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य संस्थानों में बड़े स्तर की कथित गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है. अब जवाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते हैं.
धमाके में 10 लोगों की हो गई थी मौत
10 नवंबर को लाल किला के पास आई20 कार में हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हुई थी. जांच में अल-फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में आ गई थी, क्योंकि कार में आत्मघाती हमला करने वाला पुलवामा निवासी डॉ उमर उन नबी अल-फलाह से ही जुड़ा था.