Madhya Pradesh Assembly Elections : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की 10 साल के लंबे अंतराल के बाद चुनावी राजनीति में बतौर उम्मीदवार वापसी के बीच आगामी विधानसभा चुनावों में उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट नहीं दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं. अपने चुनावी भविष्य पर छाए कुहासे के बीच आकाश ने कहा है कि वह पार्टी के हर आदेश का पालन करेंगे. उन्होंने यह दावा भी किया है कि कांग्रेस (Congress) के कब्जे वाली इंदौर-1 सीट से उम्मीदवार बनाए गए उनके पिता कम से कम एक लाख मतों से चुनाव जीतेंगे.
आकाश इंदौर-3 सीट से वर्ष 2018 का पिछला विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे. उन्होंने न्यूज एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' से इंटरव्यू में कहा, 'मेरे पिता विकास पुरुष हैं और उन्हें विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार बनाए जाने से पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं को बड़ी खुशी हो रही है. मेरे पिता का जनता से भी सीधा जुड़ाव है.' भाजपा के 39 वर्षीय विधायक ने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि मेरे पिता की वजह से भाजपा इंदौर-1 में कम से कम एक लाख वोटों से विजय हासिल करेगी, जबकि पूरे प्रदेश में पार्टी 150 से अधिक सीटें जीतेगी.'
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'हम बीजेपी के सैनिक हैं'
सोशल मीडिया पर हाल ही में अटकल सामने आई थी कि आकाश ने आगामी विधानसभा चुनावों में टिकट को लेकर अपनी दावेदारी वापस लिए जाने के बारे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को पत्र लिखा है. इस बारे में पूछे जाने पर भाजपा विधायक ने स्पष्ट जवाब दिए बगैर कहा,
कांग्रेस विधायक ने किया पलटवार
उधर, इंदौर-1 के मौजूदा कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने चुनावी राजनीति में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की वापसी को लेकर उन पर तीखा हमला बोला है. शुक्ला ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'इस संसार में हर व्यक्ति अपने बच्चों को आगे बढ़ाने की कोशिश करता है, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बेटे आकाश के सियासी करियर की बलि चढ़ा दी है और निजी महत्वाकांक्षा के चलते वह खुद चुनाव लड़ रहे हैं.' शुक्ला इंदौर-1 से दोबारा कांग्रेस के टिकट के सबसे मजबूत दावेदार हैं. कैलाश विजयवर्गीय के कम से कम एक लाख वोटों से चुनाव जीतने के उनके बेटे आकाश के दावे पर कांग्रेस विधायक ने कहा, 'घमंड में डूबे पिता-पुत्र शुरुआत से ही भाजपा की जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि घमंड तो रावण का भी नहीं टिक सका था.'
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लगातार छह बार चुनाव जीत चुके हैं विजयवर्गीय
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय इंदौर जिले की चुनावी राजनीति में अब तक अजेय हैं. भाजपा के 67 वर्षीय नेता के नाम जिले की अलग-अलग सीटों से 1990 से 2013 के बीच लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. कैलाश विजयवर्गीय ने अपना पिछला विधानसभा चुनाव 2013 में इंदौर जिले की महू सीट से लड़ा था. उन्होंने इस चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार को 12,216 वोट से हराया था.