MP News: खराब हवा से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए सरकार ने जारी किए निर्देश, जानिए क्या हैं टिप्स

Air Pollution Diseases: वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इससे फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां, हृदय से जुड़ी बीमारियां, कैंसर, गुर्दे से जुड़ी बीमारियां और गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं समेत कई तरह की दिक्कते बढ़ सकती है. सर्दियों में दूषित हवा की बीमारियां बढ़ जाता हैं. आइए जानते हैं सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए क्या उपाय बताए हैं.

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Air Pollution: सर्दियों के मौसम (Winter Season) और आने वाले त्योहारों (Festivals) को ध्यान में रखते हुए वायु (Air Pollution) एवं ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution) से होने वाली बीमारियों के रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले को आवश्यक तैयारियां रखने के निर्देश दिये हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित हो, साथ ही नेब्युलाइज़र, वेंटिलेटर जैसे उपकरण उपलब्ध रहें. जनरल ओपीडी, मेडिसिन, शिशु रोग, श्वसन रोग, हृदय रोग, और न्यूरोलॉजी ओपीडी में आवश्यक दवाइयों और सुविधाओं का प्रबंध करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। आयुक्त स्वास्थ्य ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे समीर एप का उपयोग कर अपने अधीनस्थ क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की जानकारी रखें.

ये लोग बरतें विशेष सावधानी

स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि वायु प्रदूषण विशेष रूप से उन समुदायों को प्रभावित करता है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या जो लम्बे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहते हैं. इनमें पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, वृद्धजन, दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति, और बाहरी कार्यक्षेत्रों में कार्यरत लोग शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सुझाव दिया है कि ये लोग अधिक सतर्क रहें और प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें, विशेषकर सर्दियों के मौसम में जब वायु की घनत्व अधिक होती है और प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है.

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ऐसे करें बचाव

सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य संबंधी एडवाइजरी जारी की गई है. विभाग ने सलाह दी है कि अत्यधिक प्रदूषण के समय सुबह और देर रात में दौड़ना, जॉगिंग जैसे शारीरिक व्यायाम से बचें. घर के अंदर लकड़ी, कोयला, गोबर के कंडे, या केरोसीन का उपयोग नहीं करना चाहिए. सफाई के लिए सूखी झाड़ू की बजाय गीले पोछे का उपयोग करना अधिक बेहतर होता है ताकि धूल कण वातावरण में न घुलें.

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संतुलित आहार लें

एडवाइजरी में बताया गया कि संतुलित आहार, ताजे फल-सब्जियों का सेवन कर पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट्स लेना जरूरी बताया गया है ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके। प्रदूषण-जनित स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण जैसे सांस में तकलीफ, खांसी, आंखों में जलन या सीने में दबाव महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें.

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