Agniveer Death: प्यार और जिम्मेदारी से भरे सपने… लेकिन ड्यूटी के दौरान हुए एक हादसे ने पीथमपुर के युवा अग्निवीर मनीष यादव की जान ले ली. अरुणाचल प्रदेश में देश की सेवा करते हुए उनकी शहादत की खबर ने पूरे शहर को गमगीन कर दिया. बहन की शादी धूमधाम से कराने का सपना संजोए मनीष ने कम उम्र में ही देश पर सब कुछ न्यौछावर कर दिया.
ड्यूटी के दौरान हादसा
धार जिले के पीथमपुर निवासी और भारतीय सेना के अग्निवीर मनीष यादव अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी करते हुए शहीद हो गए. वे सेना में ऊर्जा उपकरणों से जुड़े तकनीकी कार्यों में तैनात थे और कठिन इलाकों में अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे थे.
20 साल से पीथमपुर में रह रहा था परिवार
मनीष का परिवार मूल रूप से बिहार का रहने वाला है, लेकिन पिछले दो दशकों से वे पीथमपुर की वृंदावन कॉलोनी में रह रहे थे. 3 दिसंबर की शाम अरुणाचल के दुर्गम इलाके में यूनिट की नियमित फील्ड गतिविधियों के दौरान हुए हादसे में मनीष गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए.
शहादत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम
सेना का संदेश मिलते ही परिवार टूट गया. बड़े भाई मुन्ना यादव ने सभी रिश्तेदारों को जानकारी दी, जिसके बाद पूरा परिवार उसी रात बिहार रवाना हो गया. मनीष का अंतिम संस्कार वहीं हुआ.
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धूमधाम से करना चाहते थे बहन की शादी
पारिवारिक मित्र दिलीप कुशवाह ने बताया कि मनीष बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना देखते थे. अग्निवीर के रूप में चयन होने पर वे बेहद खुश थे. पिछली छुट्टियों में उन्होंने कहा था कि रिटायर होने के बाद बहन की शादी पूरे धूमधाम से कराएंगे. करीबी दोस्त हनी कुशवाह के अनुसार, मनीष बेहद अनुशासित और शांत स्वभाव के थे. परिवार की जिम्मेदारियों को हमेशा प्राथमिकता देते थे. उनके जाने से मित्रों और परिवार को गहरा सदमा लगा है.
दोस्तों की यादों में बस गए मनीष
उनके मित्र जितेंद्र नागर ने बताया कि दोनों ने सालों तक साथ क्रिकेट खेला. शहादत की खबर सुनते ही उनका दिल टूट गया. मनीष का सपना था कि वे सेना में लंबे समय तक देश की सेवा करें, लेकिन उनका सफर अधूरा रह गया. मनीष की कम उम्र में हुई शहादत ने पूरे पीथमपुर शहर को झकझोर दिया है. पड़ोस के लोग, दोस्त, परिचित और प्रशासनिक अधिकारी सभी इस वीर सपूत को सलाम कर रहे हैं. उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.
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