संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के मामले में आरोपी एमपी हाईकोर्ट अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने मंगलवार दोपहर एसपी ऑफिस स्थित क्राइम ब्रांच थाने में अपनी गिरफ्तारी देने पहुंचे. थाने में उनके खिलाफ सोमवार रात को एफआईआर दर्ज हुई थी. इस दौरान वे अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे, जो लगातार नारेबाजी करते रहे. हालांकि, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. इस मौके पर कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, इसलिए उन्हें कोई डर नहीं है. हर व्यक्ति को अपनी अभिव्यक्ति की आजादी हमें संविधान ने दी है और उसी के अनुसार हमें अपने विचार व्यक्त किए है.
एसपी ऑफिस पहुंचे एडवोकेट मिश्रा ने कहा कि उनके खिलाफ एक केस दर्ज हुआ है. वह गलत है, लेकिन हम उसके लिए गिरफ्तारी देने आए हैं, जबकि एडिशनल एसपी जयराज कुबेर ने कहा कि वे गिरफ्तारी देने की बात कह रहे थे. चूंकि मामले की अभी विवेचना चल रही है, इसलिए इसमें अभी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है.
क्या है मामला
दरअसल, डॉ भीमराव आंबेडकर को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के खिलाफ ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है. पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, मिश्रा ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो में डॉ. अंबेडकर के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था. इस बयान पर दलित संगठनों और जूनियर अधिवक्ताओं ने आपत्ति की और पुलिस को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी. मामले की जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने अनिल मिश्रा को नोटिस भेजा था. पुलिस ने सोमवार रात विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था.
प्रतिमा स्थापित करने को लेकर चल रहा विवाद
आपको बता दें कि ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर चल रहे विवाद में मई 2025 से सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं के बीच इस मुद्दे पर तनाव बना हुआ है. 17 मई 2025 को हाईकोर्ट ग्वालियर परिसर में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की बात शुरू हुई थी. इसे लेकर बार एसोसिएशन के सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं में हाईकोर्ट के बाहर बहस हो गई थी. इस दौरान जूनियर अधिवक्ताओं के समर्थन में पहुंचे भीम आर्मी के पूर्व सदस्य रूपेश केन से हाईकोर्ट परिसर के सामने वकीलों ने मारपीट कर दी थी.
प्रतिमा स्थापना को लेकर कई आंदोलन और झड़पें हो चुकी हैं. हंगामे को बढ़ता देख डॉ अंबेडकर की प्रतिमा लगाने पर रोक लगा दी थी और प्रतिमा को शहर से 15 किमी दूर मूर्तिकार प्रभात राय की वर्कशॉप में रखवा दिया था. प्रतिमा की रखवाली में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग को लेकर अब आंदोलन तेज हो गया है.
अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश सरकार से प्रतिमा की जल्द स्थापना की अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो ग्वालियर की सड़कों पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसमें देशभर के संविधान में विश्वास रखने वाले अधिवक्ता शामिल होंगे. जबकि एडवोकेट मिश्रा के नेतृत्व में कुछ लोग इसका विरोध कर रहे है, जिनका नेतृत्व अनिल मिश्रा कर रहे हैं.