Bhopal love trap, Rape And Blackmailing Case : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसे 'अजमेर रेप कांड 2' का नाम दिया जा रहा है. इस मामले में एक विशेष समुदाय के गिरोह ने प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाली कुछ छात्रों को अपना शिकार बनाया. जाने क्या था पूरा मामला.
1992 में हुआ 'अजमेर रेप कांड' आज भी लोगों के रोंगटे खड़े कर देता है. अब ऐसा ही एक जघन्य अपराध राजधानी भोपाल में सामने आया है. दरअसल एक निजी कॉलेज के पूर्व छात्रों ने उसी कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं को अपना शिकार बनाया है. गौर फरमाने वाली बात है कि सभी आरोपी विशेष समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. मामला 2017 से शुरू हुआ जब गिरोह में से एक आरोपी ने एक छात्रा से दोस्ती की, प्रेम जाल में फंसाया, दुष्कर्म किया और फिर उसका वीडियो भी शूट किया.
दरिंदों ने पीड़िता की सहेलियों का भी किया दैहिक शोषण
उसी वीडियो को बहुप्रसारित करने की धमकी देकर दरिंदों ने पीड़िता की सहेलियों को भी अपना शिकार बनाया.पीड़िता के माध्यम से उसकी सहेलियों को बुलवाया, दुष्कर्म किया फिर उनका वीडियो बनाकर दूसरों को फंसाया. हैरानी कि बात है कि यह गिरोह 2017 से सक्रिय है लेलिन 8 साल बीत जाने पर भी उन्हें पकड़ने वाला कोई नहीं.
'8 से 10 पीड़िताओं के साथ घिनौने कृत्य को अंजाम दिया'
मामले में जब डीसीपी ज़ोन 2 संजय अग्रवाल से बात की गई तो उन्होनें बताया कि 2017 से सक्रिय इस गिरोह ने 8 से 10 पीड़िताओं के साथ घिनौने कृत्य को अंजाम दिया, जिसमें से अब 4 पीड़िताओं ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई है. पीड़िताओं ने बताया है कि आरोपियों ने धर्म परिवर्तन करने पर भी ज़ोर दिया था और मना करने पर उनके साथ मार पीट की गई.
पीड़िता के साथ इंदौर में ज़बरदस्ती की गई थी
फ़िलहाल एसआईटी गठित की गई है और दो आरोपियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. दरअसल आरोपी और फरियादी दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे, वहां से उनके संबंध बने. कुछ समय सब ठीक रहा था जिसके बाद आरोपी ने पीड़िता को परेशान करना शुरू किया था. फरियादी जब इंदौर गई थी, तब वहां भी उसके साथ ज़बरदस्ती की गई थी, भोपाल वापस आई थी तब भी परेशान किया जा रहा था.
युवतियों से धर्मांतरण करने को कहा गया था
बच्ची ने हाल ही में अपने परिजनों को पूरे मामले से अवगत करवाया था जिसके बाद उसके परिजनों ने नज़दीकी थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज करवाई. जानकारी के अनुसार 4 में से एक पीड़िता दुष्कर्म की घटना के दौरान नाबालिग थी. इतना ही नहीं युवतियों से धर्मांतरण करने की भी ज़बरदस्ती की गई थी. युवतियों द्वारा मना करने पर उनके साथ मारपीट भी की गई. मामले के हर पहलू पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.
बहरहाल, जब कॉलेज के पीआरओ आरएस मुखर्जी से बात की गई तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से इंकार कर दिया. साथ ही पुलिस की कार्रवाई में हर मुमकिन सहयोग करने की बात कही है.
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