मध्य प्रदेश में बंद होंगी शराब की कुल 47 दुकानें, 1 अप्रैल से 17 शहरों में खुलेंगे ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार'

MP New Excise Policy: नई आबकारी नीति के अनुसार नए लो अल्कोहलिक बेवरेज बार में लोगों को केवल बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक' उन पदार्थों के ही सेवन की अनुमति होगी, जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम हो. ऐसे बार में शराब का सेवन सख्त वर्जित रहेगा.

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MP's New Excise Policy
भोपाल:

Low Alcoholic Beverage Bars: मध्य प्रदेश में अगले वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से पहली बार ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' खोले जाएंगे. नई आबकारी नीति के तहत प्रदेश के धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित हो जाएगी. इससे प्रदेश की 17 प्रतिबंधित शहरों की कुल 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी.

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नई आबकारी नीति के अनुसार नए 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' में लोगों को केवल बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक' उन पदार्थों के ही सेवन की अनुमति होगी, जिसमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम हो. ऐसे बार में शराब का सेवन सख्त वर्जित रहेगा.

ऐसे बार में शराब का सेवन सख्त वर्जित रहेगा

वर्तमान में पूरे मध्य प्रदेश में 460 से 470 बार हैं और आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन नए 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' के खुलने से इसकी कुल संख्या में तेजी से इजाफा होगा. वहीं, एक अप्रैल से धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री को प्रतिबंध किए जाने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी.

प्रतिबंधित शहरों में बंद होंगी शराब की 47 दुकानें

एक अप्रैल से धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री को प्रतिबंध किए जाने से शराब की कुल 47 दुकानें बंद हो जाएंगी. इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत कुछ अन्य धार्मिक महत्व वाले शहर शामिल हैं.

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मध्य प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू नहीं है, इसलिए प्रतिबंधित क्षेत्रों से शराब लाकर अकेले पीने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसा कानून बनाने की आवश्यकता है.

CM मोहन ने दी थी नई आबकारी नीति को मंजूरी

गौरतलब है मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गत 23 जनवरी को नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. इस पहल से राज्य सरकार को आबकारी राजस्व में करीब 450 करोड़ रुपए का नुकसान होगा, लेकिन नए 'लो अल्कोहलिक बेवरेज बार' के खुलने से नुकसान की भरपाई की संभावना है.

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शराब लाकर अकेले पीने पर नहीं होगा जुर्माना

अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू नहीं है, इसलिए शराब बिक्री प्रतिबंधित क्षेत्रों में दूसरे इलाकों से शराब लाकर अकेले पीने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा. जहां दुकानें बंद होंगी, वहां शराब ले जाने और पीने पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसा कानून बनाने की आवश्यकता है.

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मध्य प्रदेश में सिर्फ आबकारी अधिनियम लागू है, इसलिए 47 दुकानों के बंद होने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.

 दुकानों के रिन्युअल शुल्क में होगी 20% की बढ़ोतरी

अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून लागू है, जबकि मध्य प्रदेश में सिर्फ आबकारी अधिनियम लागू है. सरकारी बयान में कहा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

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