टीकमगढ़ : ट्रेन में बीड़ी पीने की सजा मौत ! RPF जवान की मारपीट से बंद हुई मजदूर की सांसें

ट्रेन में बीड़ी पीने पर GRP जवान इतना भड़का की उसने मजदूर को बुरी तरह से पीट दिया. आरोप है कि इसी पिटाई के थोड़ी देर बाद उस मजदूर ने अपने बेटे के सामने दम तोड़ दिया. हद ये है कि जब वो मजदूर बेहोश पड़ा था तब वही GRP जवान वापस आया और कहा- मैंने तो सिर्फ एक चांटा मारा है.

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Tikamgarh train Beaten:ट्रेन  में बीड़ी पीने पर GRP जवान इतना भड़का की उसने मजदूर को बुरी तरह से पीट दिया. आरोप है कि इसी पिटाई के थोड़ी देर बाद उस मजदूर ने अपने बेटे के सामने दम तोड़ दिया. हद ये है कि जब वो मजदूर बेहोश पड़ा था तब वही GRP जवान वापस आया और कहा- मैंने तो सिर्फ एक चांटा मारा है. इसके बाद उस जवान ने मजदूर के बेटे को भी धमकाया. पूरा मामला बीते 21 अप्रैल को गोंडवाना एक्सप्रेस का है. मजदूर के बेटे का आरोप है कि मथुरा पुलिस ने भी उसका कोई सहयोग नहीं किया. 

पीटते-पीटते स्लीपर कोच में ले गया जवान

जानकारी के मुताबिक बीते 21 अप्रैल को टीकमगढ़ के पलेरा कस्बे के निवासी रामदयाल अहिरवार अपने पुत्र के साथ ललितपुर स्टेशन से गोंडवाना एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में दिल्ली के लिए रवाना हुए. रामदयाल के बेटे के मुताबिक रात दो से ढाई बजे के बीच उसके पिता अपनी सीट से उठकर बाथरूम गए और फिर वहीं गेट पर खड़े होकर बीड़ी सुलगाकर पीने लगे. इसी दौरान जनरल कोच से लगे स्लीपर कोच में तैनात GRP के जवान आजाद ने उन्हें पकड़ लिया. आजाद ने उनके साथ ना केवल मारपीट की बल्कि अपने साथ स्लीपर कोच में भी घसीट कर ले गया. जहां आजाद ने उसके पिता के साथ एक बार फिर बुरी तरह से मारपीट की. थोड़ी देर बाद आजाद ने उसके पिता को छोड़ दिया. रामदयाल के बेटे का कहना है कि इसके बाद उसके पिता वापस अपनी सीट पर आये तो उनकी मारपीट के कारण उनकी हालत काफी खराब थी. उन्होंने मुझे सारी बात बताई. थोड़ी देर के बाद वे अचानक गिर पड़े और उनकी मौत हो गई.

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GRP जवान ने कहा- मैंने सिर्फ चांटा मारा था

रामदयाल के बेटे का कहना है कि इसी बीच GRP का वही जवान आजाद और उसके साथ एक अन्य जवान वहां आए और अपनी ओर से सफाई देने लगे. आजाद का कहना था कि हमने सिर्फ एक चांटा इनको मारा है, बाकी हमने कुछ नहीं किया. इसके बाद जब ट्रेन मथुरा स्टेशन पर रुकी तो मैंने अपने पिताजी के शव को वहां उतारा और GRPF थाने में इसकी शिकायत की. शिकायत के बाद आजाद और उसके साथियों ने उसे पहले तो प्रलोभन दिया फिर धमकाया भी. रामदयाल के बेटे का आरोप है कि मथुरा पुलिस ने भी कोई सहयोग नहीं किया. पोस्टमार्टम के बाद वो अपने पिता का शव लेकर अपने गांव रामनगर आ गया और पिता का अंतिम संस्कार किया. रामदयाल के बेटे का कहना है कि मेरे पिता की मौत GRPF के जवानों की पिटाई से हुई है, सरकार मुझे न्याय दिलाए. 

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