4200 क्विंटल धान की धांधली ! समिति प्रबंधक, बिचौलिया और ऑपरेटर के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश

Dhan kharidi Fraud Maihar: मैहर जिले के रामनगर की जरौहा सेवा सहकारी समिति के मनकीसर खरीदी केंद्र से 4200 क्विंटल धान गायब हो गई है. इसकी कीमत एक करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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4200 quintal Dhan kharidi Dhandhli: मैहर जिले में धान के उपार्जन में हुए व्यापक फर्जीवाड़े मामले में समिति प्रबंधक, बिचौलिया और ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है. यह आदेश जिला प्रबंधक नान ने केंद्र प्रभारी को जारी किया है. जिला प्रबंधक ने समिति प्रबंधक जरौहा, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी और ऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है. 

खुलासे के बाद हुई जांच 

ज्ञात हो कि NDTV ने 18 फरवरी को 'समर्थन मूल्य पर खरीदी चार हजार दो सौ तीन क्विंटल धान गायब होने की खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद मामले की जांच के लिए अधिकारी पहुंचे थे. जांचके दौरान करीब 4203.60 क्विंटल धान की शॉर्टेज प्रमाणित की गई. वहीं अब इस मामले में समिति प्रबंधक, बिचौलिया और ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है.

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4200 क्विंटल धान कैसे हो गई गायब ?

गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में सेवा सहकारी समिति जरौहा मनकीसर को धान उपार्जन का कार्य सौंपा गया था. 23 जनवरी को जिले में धान उपार्जन कार्य समाप्त हो गया था, लेकिन उसके बाद भी उक्त समिति पर परिवहन के लिए धान शेष  थी. वहीं समिति के खिलाफ लगातार शिकायतें भी मिल रही थी. वहीं शिकायत मिलने के बाद जांच कराई गई. जांच में कुल 4203.6 क्विंटल धान की शाॉर्टेज पाया गया. जिसके बाद जिला प्रबंधक एमपीडब्ल्यूएलसी मैहर और सहायक आपूर्ति अधिकारी अमरपाटन द्वारा संयुक्त रूप से उक्त समिति का भौतिक सत्यापन किया गया था.

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निरीक्षण के दौरान बिखरी हुई थीं धान की बोरियां

पोर्टल के अनुसार, समिति द्वारा कुल 45168 क्विंटल धान की खरीदी की गई. 36474.6 क्विंटल धान का परिवहन किया जा चुका था. पोर्टल के अनुसार, समिति पर परिवहन के लिए कुल 8693.4 क्विंटल धान होनी चाहिए थी. हालांकि भौतिक सत्यापन में आठ से दस हजार धान की बोरी प्राप्त हुई, जिसकी कुल मात्रा लगभग तीन से चार हजार क्विंटल अनुमानित थी. वहीं धान की बोरियां अस्त व्यस्त तरीके से बिखरी हुई थी. जिस कारण बोरियों की सटीक मात्रा की गिनती कर पाना संभव नहीं था.

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जांच के दौरान केवल ऑपरेटर मिला     

भौतिक सत्यापन के दौरान समिति प्रबंधक दीपेन्द्र सिंह और खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी अनुपस्थित थे. समिति पर ऑपरेटर मौजूद था जो कि शॉर्टेज के संबंध में कोई संतोष जनक जवाब और दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया. ऑपरेटर द्वारा अधिकारियों को बताया गया कि समिति प्रबंधक दीपेन्द्र सिंह को दिल का दौरा पड़ा है और वो भोपाल के अस्पताल में भर्ती हैं.

क्या फर्जी खरीदी हुई?

जांच से यह स्पष्ट है कि समिति पर चार हजार क्विंटल से ज्यादा की शॉर्टेज है जो कि फर्जी खरीदी की गई या धान को खुर्द-बुर्द किया गया है.  इस लिए ब्रांच मैनेजर के प्रतिवेदन में उल्लेखित 4203.6 क्विंटल की शॉर्टेज के आधार पर समिति के समिति प्रबंधक, खरीदी प्रभारी संजीव तिवारी औरऑपरेटर अनिल कुमार दहायत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश जारी किया गया.  

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