MP News In Hindi : मध्य प्रदेश में नर्सिंग स्टूडेंट्स की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ सीबीआईं जांच ले चलते सैकड़ों नर्सिंग कॉलेजो को मंजूरी नहीं मिलने से उनका ठीक से संचालन नहीं हो पर रहा है. वहीं, मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर के अफसरों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते इससे संबद्ध नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों की चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसके कारण ऐसे छात्रों की डिग्री जो चार साल में पूरी होनी चाहिए वह 6 से 7 साल में पूरी हो पाएगी.
'10 हजार छात्र नौकरी के अवसर गंवा रहे..'
दरअसल, मप्र मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा सत्र 2019-20 में प्रवेश लेने लेने वाले बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग फोर्थ ईयर की अब तक एग्जाम डेट जारी नहीं की हैं. इसके कारण इनमे पढ़ रहे छात्र और छात्राओं का सेशन लेट चल रहा है. अगर यह एग्जाम सही समय पर होता, तो स्टूडेंट अभी जॉब की तलाश में होते, लेकिन सत्र लेट होने से लगभग 10 हजार छात्र नौकरी के अवसर गंवा रहे हैं.
दिया जा रहा ये तर्क
यहां बता दें, नर्सिंग थर्ड ईयर के एग्जाम मई 2024 में आयोजित हुए थे. तब मेडिकल विवि. ने दावा किया था कि ऐसे छात्रों की फोर्थ ईयर की परीक्षाएं अगले छह माह में करा ली जाएंगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. करीब 10 हजार छात्रों को अब फोर्थ ईयर की परीक्षा का इंतजार है. ऐसे छात्रों की परीक्षा यदि मार्च में होती हैं, तो जून 2025 तक ही डिग्री मिल पाएगी. मेडिकल विवि. का कहना है कि नर्सिंग सत्र 2019-20 बैच का सत्र लेट होने का कारण हाईकोर्ट द्वारा परीक्षाओं में रोक लगाना है. इससे ऐसे छात्रों की परीक्षाएं एक साल तक अटकी रहीं.
नर्सिंग के रिजल्ट में भी देरी का आरोप
स्टूडेंट का कहना हैं कि मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर छात्रों की समय पर परीक्षाएं कराने में तो विफल है ही, बल्कि जो परीक्षाएं हो भी गई हैं, उनका रिजल्ट भी 6 से 7 महीने में भी घोषित नहीं हो पा रहे हैं. मेडिकल विवि ने सत्र 2021-22 बीएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग व एमएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर की अगस्त 2024 में परीक्षाएं कराई थीं.
छात्र लगातार कर रहे विरोध
इस परीक्षा में लगभग 15 हजार छात्र शामिल हुए थे. लेकिन रिजल्ट अब तक घोषित नहीं किए गए हैं. इससे ऐसे छात्रों का चार साल सत्र देरी से संचालित हो रहा है. मेडिकल विश्वविद्यालय जबलपुर प्रशासन का कहना है कि मूल्यांकन जारी है. एक माह अंदर रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद ऐसे छात्रों सेकंड ईयर की परीक्षाएं कराने की तैयारी की जाएगी. छात्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है सरकार की लापरवाही से उनका भविष्य खतरे मे हैं.
ये भी पढ़ें- SSC GD कांस्टेबल परीक्षा में धरा गया मुन्नाभाई, 50 हजार में तय हुआ था सौदा, असली-नकली दोनों गिरफ्तार
'स्टूडेंट के भविष्य से खिलबाड़'
छात्र भूपेंद्र गुर्जर का कहना हैं कि विवि स्टूडेंट के भविष्य से खिलबाड़ कर रहा हैं और दुर्भाग्य की बात हैं कि जानकारी के बावजूद कोई भी इस मामले मे न तो जिम्मेदारो के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रहा हैं. न स्टूडेंट को राहत देने का प्रयास हो रहा हैं. एनएसयूआई के छात्र नेता वंश माहेश्वरी कह रहे हैं कि जैसा हाल नर्सिंग में हो रहा है. वैसा हर कोर्स में होगा. क्योंकि कागज में कॉलेज चल रहे हैं. परीक्षा में देरी होने का खामियाजा बेचारे स्टूडेंट भुगत रहे हैं.
जानें क्या बोले मेडिकल यूनिवर्सिटी परीक्षा नियंत्रक
मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचिया ने NDTV को बताया की जो मई में एग्जाम किए गए थे. उनके 90-95 परसेंट रिजल्ट आ गए हैं. जो 5% रिजल्ट बचे हैं. उसमें बच्चों ने ओएमआर शीट गलत भरी है, जिसके लिए जल्द ही निर्णय लिए जाएंगे. परीक्षा में विलंब या परीक्षा नहीं हो पाने के विषय में परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि जो कॉलेज अनसूटेबल पाए गए थे, वहां पर परीक्षा कराने के लिए टीचर ही उपलब्ध नहीं है. उन विद्यार्थियों को किसी अन्य कॉलेज में परीक्षा के लिए शिफ्ट करने के लिए शासन स्तर पर निर्णय लिया जा सकता है.
ये भी पढ़ें- Acharya Satyendra Das Death: 34 वर्षों से रामलला के मुख्य पुजारी रहे सत्येंद्र दास के बारे में जानिए सबकुछ