भोपाल में 39वां राष्ट्रीय लोकरंग समारोह शुरू: जनजातीय कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुती, CM बोले- 'अनेकता में एकता'

39th National Folklore Festival: भोपाल में 39वें राष्ट्रीय लोकरंग समारोह का शुभारंभ हो गया. रवींद्र भवन परिसर में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने इसका उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहें.

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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 39वें राष्ट्रीय लोकरंग समारोह (39th National Folklore Festival) का शुभारंभ हो गया. रवींद्र भवन परिसर में शुक्रवार, 26 जनवरी को राज्यपाल मंगू भाई पटेल (Mangubhai Patel) ने उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) भी मौजूद रहें. संस्कृति विभाग के इस समारोह में पारंपरिक लोक नृत्य, लोक गायन-वादन, स्थानीय शिल्प और देशज व्यंजन देखने को मिले. इस मौके पर संत शिरोमणि रविदास के जीवन, वाणी पर आधारित नृत्य नाटिका का प्रस्तुती करण किया गया. 

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि लोकरंग हमारे लोक मूल्यों, कलात्मक समृद्धता को उजागर कर युवाओं और बच्चों को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराने का सराहनीय प्रयास है.

उन्होंने आगे कहा कि लोकरंग सबके साथ, विश्वास और प्रयासों से भारत के गौरवपूर्ण अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेगा.

39वें राष्ट्रीय लोकरंग समारोह में लोक नृत्य की प्रस्तुति दी गई.

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति की विशेषता वसुधैव कुटुंबकम की. हमारी संस्कृति पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है. अनेकता में एकता भारत की विशेषता है. हमारे देश में हर त्यौहार और पर्व आनंद और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं. लोकरंग कार्यक्रम हमारे आनंद और उल्लास का प्रतीक है.

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सबसे पहले राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर लोकरंग कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा की चित्रकार पद्मश्री जोधइया बाई के चित्रों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया.  मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए घुमन्तु जनजाति के लोगों से मिलकर उनकी कला संस्कृति की जानकारी ली.

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राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर लोकरंग कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड, झांकी और नृत्य के विजेताओं को पुरस्कृत और सम्मानित किया. इस अवसर पर संत रैदास नृत्य नाटक की विशेष प्रस्तुति का मंचन हुआ. राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दर्शक दीर्घा में बैठकर प्रस्तुति देखी.

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