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MP के 16 यूनिवर्सिटी डिफॉल्टर, कुलपति बोले-माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को 'डिफॉल्टर' बताना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’

UGC Releases List Of Defaulting Universities: यूजीसी के अनुसार, सभी यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति जरूरी है. वहीं डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल यूनिवर्सिटीज ने इस मापदंड का पालन नहीं किया है.

MP के 16 यूनिवर्सिटी डिफॉल्टर, कुलपति बोले-माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय को 'डिफॉल्टर' बताना ‘दुर्भाग्यपूर्ण’
भोपाल:

MP 16 Universities Declared Defaulters: यूजीसी (UGC) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 16 यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित (MP 16 universities declared defaulters) किया है, जिनमें 7 सरकारी और नौ प्राइवेट यूनिवर्सिटी है. सबसे बड़ी बात यह है कि डिफॉल्टर की सूची में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (Makhanlal Chaturvedi National University) भी है. इन विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार नहीं हुई है. इसी वजह से डिफॉल्टर घोषित किया गया है. वहीं  ‘डिफॉल्टर' की सूची में शामिल माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय ने यूजीसी के इस कदम को ‘दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया.

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के कुलपति ने कहा, 'लोकपाल के पद पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति के बावजूद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा उनके विश्वविद्यालय को ‘डिफॉल्टर' करार देना ‘दुर्भाग्यपूर्ण' है.'

लोकपाल की नियुक्ति के बावजूद क्यों एमसीयू को डिफॉल्टर घोषित किया गया?

एमसीयू ने कहा कि उसने सेवानिवृत्त मुख्य जिला व सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश सुनरया को अपना लोकपाल नियुक्त किया है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने एक बयान में कहा कि यूजीसी द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशों के तहत सुनरया लोकपाल के पद पर नियुक्त किए गए हैं और उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक के लिए है. इसमें कहा गया है कि सुनरया को छह जून को लोकपाल नियुक्त किया गया था और उन्होंने अगले दिन कार्यभार संभाल लिया था.

एमसीयू के कुलपति प्रो. (डॉ) के जी सुरेश ने 19 जून को जारी यूजीसी की ‘डिफॉल्टर' की सूची में विश्वविद्यालय को शामिल करने के कदम को 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया.

डिफॉल्टर विश्वविद्यालय घोषित होने से पहले जारी की गई थी अधिसूचना

उन्होंने कहा,  'हमने दो महीने पहले ही प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन (लोकसभा चुनाव के लिए) आदर्श आचार संहिता के कारण अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी. हमने सात जून को अधिसूचना जारी की और 13 जून को यूजीसी को सूचित किया, लेकिन हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि 19 जून को यूजीसी द्वारा जारी सूची में हमारे विश्वविद्यालय का भी नाम था.'

प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि उन्होंने यूजीसी सचिव को पत्र लिखकर एमसीयू को सूची से हटाने के बाद उसे अद्यतन करने का अनुरोध किया है.

मध्य प्रदेश के इन सरकारी विश्वविद्यालय डिफॉल्टर घोषित 

1. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय

2. म्यूजिक एंड आर्ट्स यूनिवर्सिटी

3. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान यूनिवर्सिटी

4. मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी

5. जवाहर लाल नेहरू कृषि यूनिवर्सिटी

6. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी

7. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार यूनिवर्सिटी

क्यों यूनिवर्सिटी को डिफॉल्टर घोषित किया गया?

यूजीसी के निर्देश के अनुसार, सभी यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति जरूरी है. वहीं डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल यूनिवर्सिटीज ने इस मापदंड का पालन नहीं किया है. लोकपाल यूनिवर्सिटी में छात्रों की समस्या का समाधान करता है.

हालांकि माखनलाल यूनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा, 'हमने लोकपाल की नियुक्ति की है. इसके बारे में यूजीसी को जानकारी दी गई है. वहीं कुछ यूनिवर्सिटी ऐसे भी हैं, जिन्होंने नियुक्ति के बावजूद छात्रों को जानकारी नहीं दी है.

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