108 एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म, तड़प-तड़पकर मरीज की मौत, दो घंटे लेट भी पहुंची थी

मध्य प्रदेश के उदयपुरा में बड़ी लापरवाही सामने आई, जहां 108 ambulance oxygen failure के कारण एक मरीज की मौत हो गई. दो घंटे देरी से पहुंची 108 ambulance और अस्पताल की medical negligence ने मरीज की जान ले ली.

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Medical Negligence Case Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रायसेन के उदयपुरा में स्वास्थ्य व्यवस्था की घोर लापरवाही सामने आई है. यहां एक मरीज की तड़प-तड़पकर इसलिए मौत हो गई, क्योंकि 108 एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गई थी. दरअसल, उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक मरीज को अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई. परिवार वालों ने तुरंत 108 पर कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस दो घंटे की देरी से पहुंची. हालत बिगड़ रही थी और इंतजार मौत से लड़ाई जैसा बन चुका था.

अस्पताल ने बिना जांच के मरीज को किया रेफर

लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई. जैसे ही एंबुलेंस मरीज को उदयपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर पहुंची, तो यहां पर मौजूद स्टॉफ ने बिना जांच किए ऑक्सीजन लगाकर एम्स भोपाल के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन हैरानी की बात यह रही कि न तो ऑक्सीजन लेवल properly चेक किया गया और न ही रेफरिंग प्रोटोकॉल का पालन किया गया.

एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिर्फ 5 किलोमीटर में खत्म

एम्स की ओर रवाना हुई 108 एंबुलेंस में दो सिलेंडर तो थे, लेकिन एक सिलेंडर में इतनी कम ऑक्सीजन बची थी कि सड़क पर सिर्फ 5 किलोमीटर चलने के बाद ही खत्म हो गई. मरीज तड़पता रहा, लेकिन एंबुलेंस स्टाफ के पास उसके लिए कुछ भी करने को नहीं था. आखिरकार मरीज ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.

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स्टाफ ने खुद मानी गलती 

घटना के बाद 108 चालक और EMT ने भी स्वीकार किया कि ऑक्सीजन की पूरी जांच किए बिना ही मरीज को ले जाया गया. यह लापरवाही किसी एक की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के ढीलेपन की पोल खोलती है. मरीज के परिवार वाले लगातार बीएमओ से संपर्क करते रहे, लेकिन न कोई सतर्कता दिखाई गई और न ही सही निर्देश जारी किए गए. हर तरफ से सिर्फ अनदेखी और उदासीनता का सामना करना पड़ा. 

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