100 Years of RSS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 1 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री आरएसएस के राष्ट्र निर्माण में योगदान को रेखांकित करने वाला एक विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे. साथ ही, वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे.
PM मोदी मन की बात में भी कर चुके हैं RSS के योगदान का जिक्र
पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि आरएसएस 100 साल से 'बिना थके, बिना रुके' राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है. इसीलिए हम देखते हैं, देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आए, आरएसएस के स्वयंसेवक सबसे पहले वहां पहुंच जाते हैं. लाखों लाख स्वयंसेवकों के जीवन के हर कर्म, हर प्रयास में राष्ट्र प्रथम की यह भावना हमेशा सर्वोपरि रहती है.
पीएम मोदी ने कहा था कि 100 साल पहले जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी, तब देश सदियों से गुलामी की जंजीरों में बंधा था. सदियों की इस गुलामी ने हमारे स्वाभिमान और आत्मविश्वास को गहरी चोट पहुंचाई थी. विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता के सामने पहचान का संकट खड़ा किया जा रहा था. देशवासी हीन-भावना का शिकार होने लगे थे. इसलिए देश की आजादी के साथ-साथ ये भी महत्वपूर्ण था कि देश वैचारिक गुलामी से भी आजाद हो.
स्वयंसेवी संगठन है RSS?
1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर (महाराष्ट्र) में स्थापित आरएसएस एक स्वयंसेवी संगठन है, जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा भाव और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है.
पिछले 100 वर्षों में आरएसएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आरएसएस के स्वयंसेवकों ने राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है. इसके सहयोगी संगठनों ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने, सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और स्थानीय समुदायों को मजबूत करने में भी योगदान दिया है.
यह शताब्दी समारोह न केवल आरएसएस की ऐतिहासिक उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में इसके योगदान को भी रेखांकित करता है. इस आयोजन से देशभर में एकता और सेवा का संदेश और मजबूत होगा.
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