World Food Day 2023 : क्यों मनाया जाता है विश्व खाद्य दिवस ?, जानिए क्या है इसके पीछे का इतिहास

World Food Day 2023 : हर साल दुनिया में विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) 16 अक्टूबर को मनाया जाता है. दुनिया में जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है वैसे-वैसे भुखमरी की समस्या भी बढ़ती जा रही है. विश्व खाद्य दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया को भुखमरी से बचाना और कुपोषण दूर करना है.

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World Food Day 2023 : हर साल दुनिया में विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) 16 अक्टूबर को मनाया जाता है. दुनिया में जैसे-जैसे आबादी बढ़ रही है..वैसे-वैसे भुखमरी की समस्या भी बढ़ती जा रही है. विश्व खाद्य दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया को भुखमरी से बचाना और कुपोषण को दूर करना है. आज के दिन हम आपको विश्व खाद्य दिवस से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं.

ऐसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र ने 16 अक्टूबर 1945 को विश्व खाद्य दिवस मनाने की शुरुआत की. संयुक्त राष्ट्र ने 16 अक्टूबर 1945 को रोम में "खाद्य एवं कृषि संगठन" की स्थापना की. उसके बाद "कॉन्फ्रेंस ऑफ द फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन" ने साल 1979 से विश्व खाद्य दिवस मनाने की घोषणा की. 

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क्यों मनाया जाता है विश्व खाद्य दिवस
विश्व खाद्य दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया से भुखमरी खत्म करना है. साथ ही विश्व भर में फैली भुखमरी की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करना है. साथ ही भूख, कुपोषण और गरीबी के खिलाफ संघर्ष को मजबूती देना है. लोगों के बीच खाद्य संकट और पोषण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का मौका विश्व खाद्य दिवस देता है. खाद्य दिवस के माध्यम से मानवीय विकास बेरोजगारी, गरीबी और खाद्य सुरक्षा के साथ जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. इस दिन जगह-जगह जागरूक करने के लिए कई तरह के खाद्य से जुड़े कार्यक्रम किए जाते हैं. इन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दुनिया से भुखमरी को खत्म करना होता है. 

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सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला दिन है 
वर्ल्ड फूड डे संयुक्त राष्ट्र के कैलेंडर का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला दिन है. दुनिया भर के डेढ़ सौ सदस्य देश मिलकर विश्व खाद्य दिवस मनाते हैं. भूख से पीड़ित लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक जागरूकता के आधार पर सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

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2023 की थीम क्या है
 इस साल विश्व खाद्य दिवस की थीम "जल ही जीवन है जल ही भोजन है किसी को पीछे न छोड़ें" पर केंद्रित है. इस थीम का उद्देश्य पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी की महत्वपूर्ण भूमिका और हमारे भोजन की नींव के रूप में पानी को उजागर करना है. इसके अलावा तेजी से बढ़ती जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास जलवायु परिवर्तन शहरीकरण से पानी की उपलब्धता में हो रहे खतरे को काम करना है. 

विश्व खाद्य दिवस के माध्यम से लोग खाद्य सुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करते हैं. दुनिया में जितने लोग भुखमरी के शिकार हैं उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत में रहते हैं. भारत देश में 5 साल से कम उम्र के 10 लाख बच्चे हर साल कुपोषण का शिकार होकर मौत के मुंह में चले जाते हैं. विश्व खाद्य दिवस के मौके पर हम आपको ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बारे में बताने जा रहे हैं. जानें क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स और इस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग? 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 

ग्लोबल हंगर इंडेक्स को यूरोपीय गैर-सरकारी संगठनों के एक संघ द्वारा तैयार किया गया है जिसे सामूहिक रूप से एलायंस 2015 के रूप में जाना जाता है. 2023 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग खराब होती जा रही है. भारत देश 125 देश में से 111 स्थान पर पहुंच गया है.

ऐसे तय होती है रैंकिंग
ग्लोबल हंगर इंडेक्स तीन स्तरों वैश्विक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय पर प्रसारित किया जाता है. रेटिंग के लिए 100 अंक आवंटित किए जाते हैं और 0 में से 100 के बीच अंक दिए जाते हैं. कम स्कोर अधिक अनुकूल स्थिति का संकेत देता है. वहीं अधिक स्कोर कम अनुकूल स्थिति का संकेत देता है. 2023 की रिपोर्ट में 125 देशों का डेटा शामिल है, जिसमें भारत का स्कोर 28.7 है. यदि बात 2022 की बात करें तो भारत 107वें स्थान पर था और 2021 में 101वें स्थान पर रहा. 

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