Varuthini Ekadashi 2024: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है. सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. इस साल 4 मई को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा और इस व्रत का पारण 5 मई को किया जाएगा. इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा व्यक्तिगत रूप से करने का विधि-विधान है. मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रीहरि की पूजा विधिवत रूप से करते हैं उनकी जीवन में परेशानियां दूर हो जाते हैं. पंडित दुर्गेश में इसकी जानकारी दी है, आइए जानते हैं वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi puja upay) के दिन के किस विधि से भगवान विष्णु की पूजा (Vishnu puja) करनी चाहिए.
पूजा विधि जानिए यहां (Varuthini Ekadashi Puja vidhi)
वरूथिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करें.
इसके बाद घर के मंदिर को साफ करें और एक चौकी स्थापित करें.
उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
भगवान विष्णु को पंचामृत (दूध दही घी शहद और गंगाजल) अर्पित करें.
तुलसी के पत्ते फूल फल और मिठाई का भोग लगाएं.
धुप-दीप और अगरबत्ती जलाएं.
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें व्रत कथा पढ़ें या सुनें.
शाम के समय आरती करें, दूसरे दिन द्वादशी तिथि के सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें.
वरूथिनी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए
वरूथिनी एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है.
इस दिन व्यक्ति को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए.
इस दिन मांस मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए .
वरूथिनी एकादशी में दिन के समय में सोने से बचना चाहिए.
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