Tulsi Vivah 2025: 1 या 2... कब है तुलसी विवाह, कैसे करें तुलसी माता का श्रृंगार? जानिए सही डेट, शुभ मुहुर्त-पूजा विधि और महत्व

Tulsi Vivah 2025 Date: सनातन धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व होता है. यह कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. घर में सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विधि-विधान से विवाह कराया जाता है. वहीं तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी का विशेष प्रकार से श्रृंगार किया जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Tulsi Vivah 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व होता है. यह पर्व कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. तुलसी विवाह के दिन भगवान शालिग्राम और माता तुसली का विवाह कराया जाता है. दरअशल, हिंदू धर्म में शालिग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. मान्यता है कि तुलसी विवाह की इस पूजा को विधि-विधान से करने पर वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं तुलसी विवाह सही तारीख, शुभ मुहुर्त, महत्व और पूजा विधि.

कब है तुलसी विवाह? (Tulsi Vivah 2025 Date) 

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि रविवार, 02 नवंबर 2025 सुबह 07:31 बजे प्रारंभ होगी, जो अगले दिन सोमवार, 03 नवंबर 2025 को सुबह 05:07 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, तुलसी विवाह का पर्व 02 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा.

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah 2025 Shubh Muhurat)

  • हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन सुबह 07:31 बजे से लेकर शाम 05:03 बजे तक त्रिपुष्कर योग रहेगा.
  • वहीं शाम 05:03 बजे से लेकर अगले दिन 3 नवंबर 2025 को सुबह 06:07 बजे तक सर्वार्थसिद्ध योग रहेगा. 
  • ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:50 बजे से सुबह 5:42 बजे तक रहेगा
  • अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 1:55 बजे से लेकर दोपहर 2:39 बजे तक
  • अमृत काल  सुबह 9:29 बजे से सुबह 11:00 बजे तक रहेगा.

ऐसे में आप इन शुभ मुहूर्त में तुलसी विवाह कर सकते हैं. 

तुलसी विवाह की पूजा विधि (Tulsi Vivah 2025 Puja Vidhi)

  • तुलसी विवाह को विधि-विधान से संपन्न करने के लिए सबसे पहले आप स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण कर लें.
  • इसके बाद अपने घर के आंगन या पूजा स्थान पर रंगोली बनाएं.
  • अब तुलसी जी के पौधे को रखें.
  • इसके बाद ईख के डाल से मड़वा बनाएं
  • इसके बाद तुलसी जी का चूड़ी, चुनरी, बिंदी आदि सामग्री से श्रृंगार करें और (सोलह श्रृंगार अर्पित करें).
  • अब उनके दाहिनी ओर भगवान शालिग्राम को आसन देते हुए स्थापित करें. 
  • तुलसी जी और शालिग्राम को पवित्र जल से स्नान कराकर रोली-चंदन आदि से तिलक लगाएं.
  • उन्हें फूल आदि अर्पित करें. इसके बाद फल भोग आदि अर्पित करें.
  • अब धूप-दीप जलाएं.
  • तुलसी जी और भगवान शालिग्राम के मंत्रों का पाठ करते हुए उनकी सात बार परिक्रमा करें.
  • तुलसी विवाह आरती करें और भगवान को प्रणाम कर आशीर्वाद लें और भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे.
  • सभी को प्रसाद बांटने के बाद स्वयं भी ग्रहण करें.

तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व (Tulsi Vivah 2025 religious significance)

हिंदू मान्यता के अनुसार, तुलसी विवाह का दिन बेहद शुभ होता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं. इस दिन से सभी मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. मान्यता है कि इस विवाह से घर में सुख, समृद्धि, और सौभाग्य का वास होता है. जो लोग अपने घर में तुलसी विवाह कराते हैं, उन्हें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

वहीं अविवाहित कन्याएं इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें अच्छा वर मिलता है और विवाहित दंपतियों के जीवन में इस व्रत को रखने से खुशहाली आती है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: MP में चोरों का बढ़ा आतंक... मंदिर में आग लगाकर चोरी, गोदाम से लाखों की नगदी-सामान उड़ाया, धार-सीहोर-विदिशा में 5 जगहों पर चोरी

Topics mentioned in this article