Monsoon Spots in Bhopal: मानसून आते ही चारों तरफ हरियाली आ जाती है और हल्की-हल्की बारिश से हर किसी का मन ख़ुश हो जाता है, यदि आप इस सुहावने मौसम में मध्य्प्रदेश घूमने की सोच रहे हैं और कंफ्यूज है तो आप मॉनसून सीजन में भोपाल के आसपास घूमने की प्लानिंग बना लीजिए, हम आपको ऐसे ख़ूबसूरत पिकनिक स्पॉट (Bhopal me ghumne ki jagah) बता रहे हैं, जहां जाकर आप मॉनसून का दोगुना मज़ा ले सकते हैं, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के 5 बेस्ट पिकनिक स्पॉट (5 picnic Spots of Bhopal) के बारे में जान लीजिए, जहां आपको मानसून में ज़रूर जाना चाहिए..
महादेव पानी का मज़ा उठाइये
महादेव पानी झरना भोपाल के 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मॉनसून में यहां का नज़ारा देखने लायक होता है. बारिश के मौसम में प्रकृति खिल उठती है और यहां सौ फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता पानी का झरना टूरिस्ट को अपनी ओर खींच लेता है. बारिश के मौसम में महादेव पानी आप अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ घूमने जा सकते हैं.
अपरलेक का नज़ारा
झीलों की नगरी भोपाल के अपरलेक की ख़ूबसूरती मॉनसून में देखते ही बनती है. यहां आपको ज़मीन और आसमान एक साथ जुड़ा हुआ नजर आएगा, मानसून में बड़े तालाब का नज़ारा बिलकुल वैसा ही नज़र आता है जैसे समुद्र में पड़ी सीप खुल गई हो और तालाब में नज़र आने वाली हर चीज़, बोटिंग करते हुए लोग उसमें रखे मोती हो, नेचर का ये अंदाज़ सबको ख़ूब पसंद आता है.
सांची की गुफाएं भी देख आइए
भोपाल से काफी नज़दीक हैं सांची, विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल यूनेस्को के ऐतिहासिक विरासत स्थलों में शामिल सांची का निर्माण अशोक के शासनकाल में किया गया था. यह बौद्ध बिहार के रूप में दुनिया भर में जाना जाता है, इसके आस पास की हरियाली देखकर हर कोई ख़ुश हो जाता है, मॉनसून सीजन में ये हरियाली ख़ूब निखरकर सामने आती है.
भीमबैठिका/भीमबेटिका में कीजिए मज़े
भीमबैठिका का नाम आपने सुना ही होगा, ये गुफाएं काफ़ी चर्चित हैं. ऐतिहासिक पर्यटन स्थल भीमबैठिका महाभारत काल से जुड़ा है, महाभारत काल के भीम यहां रुके थे, तब से इस जगह का नाम भीमबैठिका पड़ गया आपको बता दें भीम बैठका यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है ये हिस्टोरिकल प्लेस बारिश के मौसम में और भी सुंदर नज़र आता है.
उदयगिरि की गुफाएं भी हैं चर्चित
सांची से थोड़ी ही दूर पर स्थित है उदयगिरि की गुफाएं, यहां 21 गुफाएं हैं, जो जैन धर्म के तीर्थंकर, शिव और दुर्गा की प्रतिमाएं, विष्णु भगवान की प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी, उदयगिरि गुफाएं गुप्त वंश के लिए संरक्षण प्राप्त हैं. इन गुफाओं का निर्माण 250 ईस्वी में हुआ था, 410 ईसवी में ये गुफाएं बनकर तैयार हो गयी थी, यहां आप चट्टानों की ऊंचाई पर जैसे-जैसे चढ़ते जाएंगे, वैसे-वैसे हरियाली आपको करीब से नज़र आएंगी.
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(Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)