Social anxiety: क्या आप में भी है खुद के मजाक बन जाने का डर? हो सकता है यह सोशल एंजायटी का लक्षण

जिन लोगों को दूसरों से मिलने-जुलने में परेशानी होती है वह अक्सर सोशल एंजायटी के शिकार हो सकते हैं. ऐसे लोगों का दूसरों से बात करना काफी मुश्किल हो जाता है.

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Social anxiety: क्या आप में भी है खुद के मजाक बन जाने का डर? हो सकता है यह सोशल एंजायटी का लक्षण
सांकेतिक फोटो

Social anxiety : आज के समय में लोगों का सोशल होना बहुत जरूरी है क्योंकि सोशल होने से हम दूसरे लोगों की पर्सनेलिटी को आसानी से समझ पाते हैं और अपने कंफर्ट जोन से निकल भी पाते हैं. सोशल होने से ना सिर्फ आपका कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है बल्कि किसी भी नए व्यक्ति से मिलने में परेशानी भी नहीं होती है. लेकिन जिन लोगों को दूसरों से मिलने-जुलने में परेशानी होती है वह अक्सर सोशल एंजायटी के शिकार हो सकते हैं. ऐसे लोगों का दूसरों से बात करना काफी मुश्किल हो जाता है.

साइकोलॉजिस्ट और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर ललित ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर सोशल एंजायटी के लक्षणों के बारे में बात की. उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, 'सोशल एंजायटी एक तरह का चिंता विकार है. सोशल एंजायटी वाला व्यक्ति उन स्थितियों में चिंता या भय के लक्षणों को महसूस कर सकता है, जहां दूसरों द्वारा उनकी जांच, मूल्यांकन या जज किया जा सकता है.'

उन्होंने लिखा, 'जब आप सामाजिक चिंता महसूस कर सकते हैं तो इसके उदाहरण सार्वजनिक रूप से बोलना, नए लोगों से मिलना, डेटिंग करना, नौकरी के लिए इंटरव्यू देना, कक्षा में एक प्रश्न का उत्तर देना, स्टोर में कैशियर से बात करना, सामने खाना या पीना जैसी चीजें हो सकती हैं. सोशल एंजायटी की जड़ अपमानित होने, जज करने और अस्वीकार किए जाने के डर से पैदा होती है.'

सोशल एंजायटी के लक्षण

1. खुद का मजाक बनने का डर 

सोशल एंजायटी से पीड़ित लोगों में खुद का मजाक बनने का डर लगा रहता है जिस कारण ऐसे लोग दूसरों से दूर रहने की कोशिश करते हैं. इन लोगों को लगता है कि सामने वाला व्यक्ति उन्हें बोरिंग समझेगा, उनकी बातों का मजाक बनाएगा. इस कारण ये लोग अक्सर कंफ्यूज रहते हैं कि वो क्या बात करें, क्या कहें.

 2. गलतियां करने का खौफ 

सोशल एंजायटी से ग्रस्त लोगों को हमेशा ये डर लगा रहता है कि कहीं वे दूसरों के सामने कोई गलती न कर दें. छोटे से छोटे काम में भी इन लोगों में गलती करने का खौफ होता है, जिस कारण ये लोग अपने काम को सही तरह से कर भी नहीं पाते हैं.

3. खुद को दूसरों से कम समझना 

साइकोलॉजिस्ट डॉ ललिता के मुताबिक सोशल एंजायटी से पीड़ित लोग हमेशा खुद को दूसरों से कमतर मानते हैं. उन्हें ऐसा महसूस होता है कि सामने वाला व्यक्ति हर चीज में उनसे ज्यादा बेहतर है जो किसी भी काम में उन्हें हरा सकता है या आपसे आगे निकल सकता है.

सोशल एंजायटी से ग्रस्त लोगों में कॉन्फिडेंस की कमी होती है. किसी भी चीज में हारने और दूसरों द्वारा उनका मजाक बनने का डर उन्हें दूसरों से दूर रहने पर मजबूर करता है. इस स्थिति में ऐसे लोगों को हर वक्त कॉन्फिडेंस बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए.

 4. अकेलापन दूर करने के लिए गलत आदतों के शिकार 

सोशल एंजायटी से पीड़ित व्यक्ति खुद को कॉन्फिडेंट बनाए रखने के लिए या अपना अकेलापन दूर करने के लिए एल्कोहॉल या ड्रग्स लेना शुरू कर देते हैं. सोशल एंजायटी से ग्रस्त लोग हमेशा पार्टी और सामाजिक कामों से दूरी बनाकर रखते हैं. ताकि वे लोगों का सामना करने से बच पाएं.

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