How to Stop Snoring: खर्राटों से हैं परेशान? जानिए कैसे मिल सकता है इस समस्या से समाधान

Snoring Remedies: आख़िर खर्राटे क्यों आते हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है. इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं...

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Causes Of Snoring

Snoring Causes: कई लोग सोते समय इतनी तेज खर्राटे लेते हैं कि इससे अगल-बगल वाले लोगों को काफी परेशानी होती है. तेज खर्राटे कभी-कभी इतना ज़्यादा बढ़ जाते हैं कि साथ में आसपास होने वाले लोग उठकर तक बैठ जाते हैं लेकिन यह गंभीर समस्या कई बीमारियों के संकेत भी देती है आख़िर खर्राटे क्यों आते हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है (Why Does Snoring occur and How can it be Cured?) इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.. 

क्यों आते हैं खर्राटे

दरअसल खर्राटे लेने के दौरान सोते-सोते ऐसी आवाज निकलती है कि कोई भी सुनकर चिड़चिड़ा जाए, ऐसा तब होता है जब सांस लेने के दौरान हवा का बहाव गले में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा करता है और जब हम गहरी नींद में सोते हैं तो आपके मुंह, जीभ और गले की मांसपेशियों को आराम मिलता है. इस दौरान नली के ऊतक इतने ढीले होते है कि आंशिक रूप से वायुमार्ग को ब्लॉक करने लगते हैं और इसकी वजह से परेशानी होने लगती है.


कैसे बचें इस समस्या से...

सोने की पोजीशन बदल दें

यदि आपको बहुत अधिक मात्रा में खर्राटे आ रहे हैं तो पीठ के बल सोने पर जीभ और तालू वायु मार्गों को संकुचित करते हैं, इसकी वजह से नींद के दौरान कंपन की आवाज पैदा होती है. यदि आप एक साइड की तरफ सोते हैं तो इसे रोकने में मदद मिलती है. शरीर के बराबर तकिये पर सोने से भी खर्राटे कम आते हैं क्योंकि यह बॉडी का बैलेंस बनाए रखता है, सिर ऊंचा करके सोने से भी खर्राटे कमाते हैं क्योंकि ये नाक के वायु मार्गों को खुलता है और खर्राटे को रोकना है.

शराब से बनाएं दूरी

गले की मांसपेशियों को संकुचित करने में शराब आगे हैं, इसकी वजह से खर्राटे आने लगते हैं, सोने से 4-5 घंटे पहले शराब पीने से खर्राटे की आवाज और तेज हो जाती है और आमतौर पर जो लोग खर्राटे नहीं लेते हैं वे भी शराब पीने के बाद खर्राटे लेने लगते हैं.

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बॉडी को हाइड्रेट रखें

तरल पदार्थ का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें और बॉडी को हाइड्रेट रखें, दरअसल डिहाइड्रेशन की वजह से भी नाक और तालु चिपचिपे हो जाते हैं. इसकी वजह से खर्राटे ज़्यादा आने लगते हैं, इसे दूर करने के लिए खूब पानी पिएं और लिक्विड डाइट की मात्रा बढ़ाएं.

तकिया बदलते रहें

समय समय पर पिलो बदलते रहे दरअसल कभी कभी तकिए में मौजूद धूल कणों की वजह से भी एलर्जी हो सकती है और इसकी वजह से खर्राटे आने लगते हैं इसीलिए इस बात का ध्यान रखें कि हफ़्ते में 1-2 बार अपने तकिये को खुली हवा में जरूर रखें ताकि आपको खर्राटे की समस्या कम हो सके.

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नाक को खुला रखें

अगर आप नाक से खर्राटे लेते हैं तो नाक के वायुमार्ग को खुला रखने में मदद मिल सकती है, इसके लिए नासिका को खुला रखें, सर्दियों में किसी कारण नाक बंद हो रही है तो सोने से पहले गर्म पानी से नाक के छिद्र खोलें और नमक के पानी से नाक धोने से भी खर्राटों में आराम मिलता है.

अपना स्लीप साइकल सुधारें

दरअसल समय पर न सोने की वजह भी खर्राटों की समस्या को बढ़ावा देता है. देर रात तक जागने के बाद जब आप सोते हैं तो शरीर थक जाता है और नींद बहुत गहरी आती है, ऐसे में मांसपेशियां संकुचित होती है और खर्राटे आने लगते हैं.

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(Disclaimer: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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