...तो इस वजह से सुहागन महिलाएं लगाती हैं सिंदूर, जानिए इसे लगाने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

जब एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर भर रही थी तो हनुमान जी ने वहाँ आकर पूछा कि माता आप अपनी माँग में ये लाल रंग क्यों भर रही है? इस पर सीता जी ने उत्तर दिया कि श्रीराम, मेरी मांग में ये सिंदूर देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं इसलिए मैं अपनी मांग में सिंदूर सजाती हूं. तब हनुमान जी ने सोचा कि अगर सीता माता की मांग में ज़रा सा सिंदूर देखकर भगवान राम इतना प्रसन्न होते हैं तो...

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Sindoor Significance: हिन्दू धर्म में सिंदूर (Vermilion) का ख़ास महत्व है. सिंदूर को सुहाग की निशानी के तौर पर देखा जाता है. शादी के बाद सिंदूर सुहागिन महिलाएं ज़रूर लगाती है. वहीं, एक स्त्री के सोलह श्रृंगार में सिंदूर को सबसे अहम माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर को सिर्फ धार्मिक वजहों के चलते ही नहीं लगाया जाता बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक नज़रिए से भी एक ख़ास महत्व हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.....

रामायण से लेकर महाभारत काल में सिंदूर का ज़िक्र

कहा जाता है कि यह महिला जितना लंबा सिंदूर अपनी मांग में भरती हैं. उनके पति की उम्र भी उतनी ही लंबी होती है. भारतीय संस्कृति में सिंदूर लगाने की परंपरा काफ़ी पुरानी है, रामायण से लेकर महाभारत काल में सिंदूर का ज़िक्र मिलता है और विवाह के समय दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग को सिंदूर से भरता है. 

जानिए इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण

सनातन संस्कृति के मुताबिक़, रीति रिवाज़ों का बहुत ज़्यादा महत्व होता है. आमतौर पर सिंदूर महिलाएं ही लगाती है. सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है जिससे मानसिक तनाव कम होता है. साथ ही देखा गया है कि जो महिलाएं सिंदूर लगाती है उनका ब्लड प्रेशर भी ठीक रहा है, इसीलिए वैज्ञानिक लाभ की मानें तो सिंदूर लगाने के पीछे यही वजह बताई जाती है.

पौराणिक कथा के अनुसार क्या है मान्यता 

सिंदूर लगाने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है, एक पौराणिक कथा के अनुसार जब एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर भर रही थी तो हनुमान जी ने वहां आकर पूछा कि माता आप अपनी मांग में ये लाल रंग क्यों भर रही है? इस पर सीता जी ने उत्तर दिया कि श्रीराम, मेरी मांग में ये सिंदूर देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं इसलिए मैं अपनी मांग में सिंदूर सजाती हूं.

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तब हनुमान जी ने सोचा कि अगर सीता माता की मांग में ज़रा सा सिंदूर देखकर भगवान राम इतना प्रसन्न होते हैं तो मेरे पूरे शरीर पर सिंदूर देखकर कितना प्रसन्न होंगे.. तब वे अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर भरी सभा में चले जाते हैं और उन्हें देखकर सभी हंसने लग जाते हैं लेकिन प्रभु श्रीराम बहुत प्रसन्न हो जाते हैं. कहा जाता है कि तभी से हनुमानजी पर सिंदूर चढ़ाने की प्रथा चली जा रही है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए NDTV किसी भी प्रकार की पुष्टि या दावा नहीं करता है.)

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