Saphala Ekadashi 2024: 26 या 27 दिसंबर... कब है सफला एकादशी, यहां जानिए सही डेट- शुभ मुहूर्त से पूजा विधि तक

Saphala Ekadashi Vrat Date 2024: सफला एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है. इस व्रत को रखने पर सभी कार्यों में सफलता मिलती है. हालांकि इस साल सफला एकादशी की तिथि को लेकर खासा कंफ्यूजन की स्थिति बन रही है. ऐसे में यहां जानते हैं कब है सफला एकादशी का व्रत. 

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Saphala Ekadashi 2024 Kab Hai: हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिसे अलग-अलग नामों से जानते हैं. पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी मनाई जाती है, जिसे बेहद शुभ माना जाता है. हालांकि इस साल सफला एकादशी की तिथि को लेकर खासा कंफ्यूजन की स्थिति बन रही है. ऐसे में यहां जानते हैं कि 26 या 27 दिसंबर कब रखा जाएगा साल की आखिरी एकादशी (Saphala Ekadashi Vrat) का व्रत. 

कब है सफला एकादशी 2024 (Saphala Ekadashi Date 2024)

पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस बार एकादशी तिथि 25 दिसंबर, 2024 की रात 10:29 बजे से शुरू हो जाएगी, जो 27 दिसंबर, 2024 की रात 12:43 बजे समापन हो जाएगा. ऐसे में इस बार सफला एकादशी का व्रत गुरुवार, 26 दिसंबर  को रखा जाएगा. 

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सफला एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

सफला एकादशी के दिन यानी 26 दिसंबर की सुबह 5:23 बजे से सुबह 6:17 बजे तक ब्रह्म मुहर्त रहेगा. इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर 2:05 बजे से 2:47 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 5:29 बजे से 5:57 बजे तक है और रात्रि में निशिता मुहूर्त 11:55 बजे से 12:49 बजे तक रहेगा. 

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सफला एकादशी का महत्व (Saphala Ekadashi Mahatva)

ऐसी मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत रखने पर सभी कार्यों में सफलता मिलती है. सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूरे मनोभाव से पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि सफला एकादशी करने से भगवान विष्णु भक्तों के सभी कष्टों का निवारण कर देते हैं.

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सफला एकादशी की पूजा विधि (Saphala Ekadashi Puja Vidhi)

1. सफला एकादशी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें

2. फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का ध्यान लगाएं और व्रत का संकल्प लें.

3. इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना बेहद शुभ होता है. ऐसे में आप भी पीला वस्त्र धारण करें.

4. एकादशी के व्रत का संकल्प लेने के बाद मंदिर की सफाई करें और फिर गंगाजल का छिड़काव करें.

5. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ती स्थापित करें.

6. अब भगवान विष्णु समक्ष चंदन, फल और तुलसी दल अर्पित करें.

7. इसके बाद धूप और दीप अर्पित करें.

8. एकादशी पर भगवान विष्णु के मंत्र पढ़ें और विष्णु चालीसा का पाठ करें.

9. भगवान विष्णु को खीर या फल का भोग लगाएं

10. अब भगवान विष्णु को आरती करें.

सफला एकादशी पर तुलसी पूजा का विशेष महत्व

सफला एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा (Tulsi Puja) करना भी बेहद शुभ माना जाता है. तुलसी पूजा के लिए तुलसी पर गंगाजल अर्पित जरूर करें और फिर तुलसी माता को लाल चुनरी चढ़ाएं. मां तुलसी को रोली, सिंदूर और चंदन के साथ ही नेवैद्य चढ़ाएं. अब तुलसी चालीसा का पाठ करें. उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें.

कब करें सफला एकादशी व्रत का पारण 

इस साल सफला एकादशी के व्रत का पारण (Vrat Paran) 27 दिसंबर की सुबह 7:15 बजे से लेकर सुबह 9:20 बजे के बीच है. इस मुहूर्त में एकादशी के व्रत का पारण करना बेहद शुभ होता है. 

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