Ravivar Vrat Vidhi: हिन्दू धर्म में हर दिन अलग-अलग भगवान की पूजा की जाती है, हर दिन अलग देवता को पूजने का महत्व है, रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा करने का विधान है, सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है. यदि आपकी कुंडली में सूर्य से जुड़ा कोई दोष है तो रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा (Surya dev puja) करने और व्रत करने से लाभ प्राप्त होता है. सूर्य देव की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं. पंडित दुर्गेश ने सूर्य देवता की पूजा के महत्व के बारे में बताया है. आइए जानते हैं रविवार की पूजा के धार्मिक महत्व और व्रत (Religious importance of surya devta worship and fasting) के बारे में...
रविवार की पूजा विधि
* रविवार के दिन भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें.
* इसके बाद साफ लौटे में जल लेकर सूर्य देवता को अर्घ्य चढ़ाएं.
* पूजा स्थल पर लाल चटाई या वस्त्र बिछाकर बैठे और भगवान सूर्य की पूजा शुरू करें.
* इसके बाद सूर्यदेव के बीच मंत्र की माला का जाप करें.
* इसके बाद रविवार व्रत की कथा और आदित हृदय स्रोत का पाठ करें.
क्या चढ़ाएं सूर्य देवता को
भगवान सूर्य नारायण को धूप, अक्षत, दूध, लाल फूल और जल अर्पित करने का विशेष फल माना गया है.
रविवार की पूजा में सूर्य देव को लाल चंदन अर्पित करने के बाद प्रसाद के रूप में अपने माथे पर लगाना चाहिए.
ऐसा करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं और जहां खड़े होकर आप सूर्य देवता की पूजा कर रहे हैं वहां परिक्रमा नहीं लगाना चाहिए.
रविवार व्रत का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म के अनुसार जीवन में यश वैभव और सुख समृद्धि पाने के लिए सूर्य देवता की आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है. रविवार व्रत सूर्य की कृपा पाने और सुखी-स्वस्थ और सम्मानित होने का उत्तम उपाय माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य की पूजा करने से कुंडली दोष दूर होता है और नकारात्मक ऊर्जा भी आपसे दूर रहती है.
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