Mahesh Navmi 2024: महेश नवमी की पूजा के लिए जानिए कब है शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि...

वैसे तो महादेव सभी के भगवान है लेकिन इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माहेश्वरी समाज के लोग विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं. पंडित दुर्गेश ने इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि (Mahesh Navmi Shubh Muhurt & Puja Vidhi) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, आइए हम आपको बताते हैं..

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Mahesh Navmi 2024: महेश नवमी के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है

Mahesh Navmi 2024: हिन्दू धर्म में महेश नवमी के पावन पर्व का अधिक महत्व है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और नवमी में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है. दरअसल भगवान भोलेनाथ के महेश नाम से ही माहेश्वरी समाज का अवतरण हुआ इसीलिए माहेश्वरी समाज में महेश नवमी का विशेष महत्व है, वैसे तो महादेव सभी के भगवान है लेकिन इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माहेश्वरी समाज के लोग विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं. पंडित दुर्गेश ने इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि (Mahesh Navmi Shubh Muhurt & Puja Vidhi) के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है, आइए हम आपको बताते हैं..

महेश नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त

महेश नवमी के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन को शुभ मुहूर्त 15 जून 2024 को प्रातःकाल 7:08 से 08:53 तक रहेगा, इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि से पूजा अर्चना करने का विधि विधान है. कहा जाता है जो भक्त इस दिन सच्चे मन से माता शिव, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है. उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है एवं रोग दोष और कष्ट दूर हो जाते हैं. 

Advertisement

महेश नवमी पूजा विधि

  • आपके जीवन को सार्थक बनाने में भगवान भोलेनाथ आपकी मदद करेंगे,
  • महेश नवमी के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने के लिए आपको सबसे पहले इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके भगवान सूर्य को जल का अर्घ दें,
  • इसके बाद साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें,
  • अब भोलेनाथ को पुष्प व चंदन, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें और अपनी पूजा प्रारंभ करें,
  • आप पूजा के दौरान शिव चालीसा का पाठ कर सकते हैं,
  • इसके साथ ही शिव मंत्र का भी जाप कर सकते हैं,
  • पूजा के अंतिम चरण में पूरी श्रद्धा भाव से भगवान शिव की आरती करें और भोलेनाथ को मिष्टान या फल का विशेष रूप से भोग लगाएं,
  • इसके बाद प्रसादी वितरण करें और व्रत रखने वाले पूजा के बाद फलाहार कर सकते हैं,
  • इस दिन गलती से भी सोना नहीं चाहिए दरअसल इस दिन सोने से होता है,
  • महेश नवमी के पावन पर्व पर गरीबों या जरूरतमंदों को दान करने से भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

यह भी पढ़ें: Kanwar Yatra 2024: कब से शुरू होगी भोलेनाथ के भक्तों की कांवर यात्रा, शिवलिंग के अभिषेक की तिथि जानिये यहां

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है.)

Advertisement