Diet Keeps Diseases Away: खाना खाने के रूटीन बदलने से दूर रहेंगी बीमारियां, यकीन नहीं तो आजमाए ये नुस्खा?

How To Plan Day Diet : आयुर्वेद के अनुसार, समय पर खाया भोजन शरीर में अमृत की तरह काम करता है, जबकि असमय किया गया भोजन विष बन जाता है, लेकिन शहरी जीवन शैली में कार्पोरेट कंपनी में काम करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए लंच-डिनर के बीच सामंजस्य बिठा पानी टेढ़ी खीर साबित होता है. 

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ऐसे स्वस्थ आहार जो बीमारियों को दूर रखते हैं

Healty Diet Remedy: बदलते जीवनशैली में डाइट प्लानिंग सबसे बड़ा सिरदर्द होता है. अधिकांश लोग सही समय पर खाना नहीं खा पाते हैं. लोग खाने के समय को देखकर नहीं, बल्कि काम से समय निकालकर खाना खाते हैं. यही कारण है कि आज कई लोग छोटी उम्र में शारीरिक परेशानियों से घिर रहे हैं.

आयुर्वेद के अनुसार, समय पर खाया भोजन शरीर में अमृत की तरह काम करता है, जबकि असमय किया गया भोजन विष बन जाता है, लेकिन शहरी जीवन शैली में कार्पोरेट कंपनी में काम करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए लंच-डिनर के बीच सामंजस्य बिठा पानी टेढ़ी खीर साबित होता है. 

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सवाल, नाश्ता और भोजन कब करना  चाहिए?

आयुर्वेद में बताया गया है कि नाश्ता सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच कर लेना चाहिए, क्योंकि उस वक्त सूर्य धीरे-धीरे दोपहर की तरफ बढ़ रहा होता है. जितना सूरज चढ़ता है, पेट की जठराग्नि तेजी से बढ़ती है. ऐसे में सुबह का नाश्ता पौष्टिक और गुणों से भरपूर होना चाहिए.

सवाल, नाश्ता और भोजन कैसा खाना चाहिए?

आयुर्वेद के मुताबिक हम सुबह के नाश्ते में चीला, दलिया, भूने मखाने और पोहे का सेवन कर सकते हैं. इस वक्त पेट की जठराग्नि तेज होती है, तो हर तरह का खाना पच जाता है. दोपहर का भोजन दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक कर लेना चाहिए. दोपहर के भोजन में वसा, प्रोटीन और भरपूर कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए. दोपहर के खाने में छाछ जरूर रखें.

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खाने के दो घंटे बाद और सोने से एक घंटा पहले 1 गिलास गुनगुना दूध पीना भी अच्छा रहता है. अगर आप भोजन करने के नियम में बदलाव लाते हैं, तो पूरा शरीर विषैले पदार्थों से मुक्त होता है, पेट और लिवर से जुड़े रोग नहीं होते, मन खुश रहता है, और नींद भी अच्छी आती है.

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सवाल, सर्दियों में छाछ का सेवन करना चाहिए?

आयुर्वेद कहता है कि सर्दियों में छाछ जरूर लें, क्योंकि ये पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस बनना, खाना कम पचना और पेट फूलना से छुटकारा दिलाती है. दोपहर के समय में शरीर में पित्त की प्रवृत्ति ज्यादा होती है. भारी से भारी खाना आराम से पच जाता है. हालांकि इस समय तले-भुने भोजन से परहेज करें.

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सवाल, सूरज डूबने से पूर्व खाना खा लेना चाहिए?

आयुर्वेद में रात के भोजन का समय सूरज ढलने से पहले का रखा गया है. रात का भोजन शाम को 6.30 से 7.30 बजे तक कर लेना चाहिए। इस वक्त पेट की अग्नि बहुत धीमी पड़ जाती है और हल्का खाने की सलाह दी जाती है. इस समय मूंग की दाल, सूप, दलिया या उबली सब्जियां खानी चाहिए.

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