Veg and Non-veg Thali: जून में सस्ती हुई वेज और नॉन वेज थाली, जानिए क्यों आयी कीमत में गिरावट

Veg and Non-veg Thali Price: जून में वेज और नॉन वेज थाली सस्ती हुई हैं लेकिन क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा है कि आने वाले महीनों में मौसमी बदलावों के कारण सब्जियों की कीमतों में तेजी आने के कारण थाली की लागत में क्रमिक रूप से वृद्धि की संभावना है.

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Veg and Non Veg Thali Price: घर में पकाई वेज और नॉन वेज थाली जून में हुई सस्ती

Veg and Non-veg Thali Price: जून में घर में पकाई जाने वाले शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कीमत में सालाना आधार पर क्रमशः 8 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की गिरावट आई है. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, शाकाहारी थाली की कीमत में यह गिरावट सब्जियों की कीमतों के तेजी से घटने के कारण दर्ज की गई. क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा, "सब्जियों की कीमतों में नरमी के कारण जून में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की कीमत में सालाना आधार पर गिरावट आई है. विशेष रूप से टमाटर की कीमतों में सालाना आधार पर तेज गिरावट देखी गई." 

मौसम में बदलाव से कीमतों में आएगी तेजी

क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने आगे कहा कि हालांकि, आने वाले महीनों में मौसमी बदलावों के कारण सब्जियों की कीमतों में तेजी आने के कारण थाली की लागत में क्रमिक रूप से वृद्धि की संभावना है. प्याज की कीमतों में मामूली वृद्धि होने की भी संभावना है, क्योंकि ताजा आवक नहीं हो रही है और संग्रहीत रबी स्टॉक को नियंत्रित तरीके से जारी किया जा रहा है. टमाटर के लिए, गर्मियों में कम बुआई के कारण कीमतों में क्रमिक वृद्धि हो सकती है, जिससे थाली की लागत पर दबाव बढ़ेगा. 

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जून 2024 में 42 रुपए प्रति किलोग्राम से जून 2025 में टमाटर की कीमतें सालाना आधार पर 24 प्रतिशत गिरकर 32 रुपए प्रति किलोग्राम हो गईं. उच्च आधार पर आलू और प्याज की कीमतों में क्रमशः 20 प्रतिशत और 27 प्रतिशत की गिरावट आई. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्जियों की कम कीमतों के साथ-साथ, ब्रॉयलर की कीमतों में अनुमानित 3 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट ने मांसाहारी थाली की लागत को कम कर दिया, जो मांसाहारी थाली की लागत का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. 

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जून 2025 में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थालियों की कीमत में मासिक आधार पर क्रमशः 3 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई. घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. मासिक परिवर्तन आम आदमी के खर्च पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है.

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