Maa Kushmanda Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि का त्योहार लोग माता की पूजा-अर्चना करके मनाते हैं. नवरात्रि का आज चौथा दिन है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, आज चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. देवी कुष्मांडा आदि शक्ति का स्वरूप है. आज के दिन जो भक्त सच्चे मन से माता कुष्मांडा (Mata Kushmanda Puja Vidhi) की आराधना करता है, उसकी हर चाहत पूरी होती है. पंडित दुर्गेश ने मां कुष्मांडा के स्वरूप (Mata Kushmanda Swaroop) के बारे में बताया है, साथ ही पूजा विधि के बारे में भी जानकारी दी है, जो हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं.
ऐसा है मां का स्वरुप
इस दिन उपवासक का मन अनाहत चक्र में रहता है. जो हृदय के मध्य में होता है, मां कुष्मांडा के स्वरूप के बारे में बताया जाता है कि ये अष्टभुजाओं वाली देवी हैं, इनकी भुजाओं में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल शोभित होते हैं, वहीं दूसरी भुजा में सिद्धियों और निधियों से युक्त माला धारण होती है. जो भी माता के इस स्वरूप का दर्शन करता है उसे सब कुछ मिलता है.
मां कुष्मांडा की पूजा विधि
मां कुष्मांडा का आशीर्वाद पाने के लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर देवी कुष्मांडा का ध्यान करना चाहिए.
इसके बाद दुर्गा के कुष्मांडा रुप की पूजा करना चाहिए.
देवी कुष्मांडा को लाल रंग के फूल, गुड़हल या गुलाब अर्पित करना चाहिए, इसके साथ ही माता को सिंदूर, धूप, दीप और नैवैद्य चढ़ाना चाहिए.
माता के इस स्वरूप का ध्यान स्थान अनाहत चक्र है. देवी की उपासना में अनाहत चक्र को उनके प्रिय रंग को धारण करना चाहिए.
माता को हल्का नीला रंग बेहद प्रिय हैं, इसके अनुसार ही माता का आसन लगाना चाहिए.