Ram Mandir Ayodhya Inauguration: अयोध्या धाम में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Shri Ram Janmbhoomi Mandir Prana Pratishtha Ayodhya) की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में उत्साह व उत्सव का माहौल है. राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. हर जगह दीवाली जैसा महौल है, मंदिर से लेकर घरों की चौखट तक राम लला के स्वागत के लिए दीप जलाने की तैयारी है. रोशनी से गलियों को जगमग करने का काम शुरु हो गया है. इस भव्य समारोह के लिए हजारों लोगों को आमंत्रित किया गया है. ऑन स्क्रीन भगवान राम की भूमिका निभाने वाले रामायण टीवी सीरियल के अरुण गोविल (Ramayan Arun Govil) को भी इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया गया है. वहीं सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया भी इसमें शामिल हैं. अयोध्या पहुंचने से पहले NDTV इन दोनों ही ने से खास बातचीत की.
राम के मामले में हार और जीत नहीं होती : अरुण गोविल
NDTV से चर्चा के दौरान अरुण गोविल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राम के मामले में हार और जीत नहीं होती, वहां सिर्फ राम होते हैं. वहीं अयोध्या में राम मंदिर बनने पर उन्होंने कहा कि इन दिनों चारों तरफ राम का यूफोरिया है. इस समय पूरा देश और पूरा विश्व राममय हो गया है. हर ओर राम का यूफोरिया है. राम मंदिर बनाने की सरकार की पहल बहुत सराहनीय है.
'राम का यूफोरिया' क्यों कहा?
जब भी कोई भावना हर किसी पर बहुत ही तीव्र रूप से हावी हो जाती है, तब उसे 'यूफोरिया' कहा जाता है. जब से अयोध्या में राम मंदिर बनना शुरू हुआ और जैसे-जैसे राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक आ रही है वैसे-वैसे हर किसी की जुबान पर राम लला के ही चर्चे हैं. रामलला के भव्य सवागत के लिए 22 जनवरी की तैयारी में पूरा देश जुटा हुआ है. यही कारण है कि अरुण गोविल ने कहा कि आज हर तरफ राम का यूफोरिया है.
भगवान राम की भूमिका को लेकर यह कहा
चर्चा के दौरान अरुण गोविल ने बताया कि उन्हें टीवी सीरियल रामायण में भगवान श्रीराम का किरदार निभाने में कैसे उनकी मुस्कुराहट से मदद मिली थी. गोविल ने कहा, जब सीरियल की शूटिंग शुरू होने वाली थी, और हमारा मेकअप वैगरह सब हो गया था. लेकिन मैंने जब खुद को आइने में देखा तो अरुण गोविल भगवान जैसा नहीं बल्कि इंसान जैसा दिख रहा था. उस वक्त मैंने कहा कि नहीं! जो पावनता और जो मृदुलता चाहिए वो नहीं है इस चेहरे पर. इस बीच राजश्री प्रोडक्शन के राजकुमार बड़जात्या की एक बात याद मुझे आयी. उन्होंने कहा था कि अरुण जी आपकी स्माइल बहुत अच्छी है. इसका कहीं अच्छी तरह से इस्तेमाल कीजिएगा. मैंने वो स्माइल ट्राई की और वो बहुत शानदार रहा. रामायण में वो स्माइल बहुत जगह है."
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