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Vallabhbhai Patel Jayanti : गांधी जी ने लौह पुरुष और महिलाओं ने दी सरदार की उपाधि, सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन को "राष्ट्रीय एकता दिवस" के नाम से भी जाना जाता है. पूरे देश में एकता का सूत्रधार दने वाले वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. 

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Vallabhbhai Patel Jayanti : भारत की एकता का सूत्रधार कहे जाने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabhbhai Patel Jayanti) की जयंती 31 अक्टूबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है. सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन को "राष्ट्रीय एकता दिवस" (National Unity Day) के नाम से भी जाना जाता है. पूरे देश में एकता के सूत्रधार कहलाने वाले वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. 

ऐसे मिली सरदार की उपाधि

सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. अपने माता-पिता की चौथी संतान सरदार पटेल ने लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे. महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सरदार पटेल ने पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में दिया. उसके बाद 1928 में बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन भी सफल हुआ. बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहाँ की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को "सरदार" की उपाधि प्रदान की थी.

संविधान को दिया था आकार

भारत की संविधान सभा में वरिष्ठ सदस्य होने के नाते सरदार पटेल संविधान को आकार देने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे. पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल को भारत का बिस्मार्क कहा जाता है. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर उन्होंने अखंड भारत के निर्माण में काफ़ी योगदान दिया.

महात्मा गांधी ने दी थी लौह पुरुष की उपाधि

सरदार पटेल के स्पष्टवादी होने के चर्चे अविस्मरणीय हैं. वे कभी भी गांधीजी और जवाहर लाल नेहरू से असहमत होते तो अपनी बात को स्पष्ट रूप से कह देते थे. सरदार ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 3 साल जेल में भी बिताए थे. फिर महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी.

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"स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया"

सरदार पटेल का लक्ष्य था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाए. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मज़बूत बनाने पर काफ़ी ज़ोर दिया. सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिविल सेवकों को "स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया" कहा था.

मरणोपरांत "भारत रत्न" से हुए थे सम्मानित

पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ था और सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरांत "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया था.

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विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा "स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी"

31 अक्टूबर 2018 को गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बाँध के सामने विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति "स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी" पटेल जी को समर्पित की गई, जो देश की एकता में उनके योगदान को इंगित करती है. सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा 182 मीटर यानी 597 फ़ीट ऊँची है.

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