उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) जा रहा है. हालांकि इस बीच सुरंग में फंसे मजदूरों का पहला वीडियो सामना आया है, जिसमें सुरंग में फंसे मजदूर एक-दूसरे से बात करते दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि ये वीडियो सुरंग में फंसे 41 मजदूरों तक छह इंच की पाइपलाइन के जरिए खिचड़ी भेजने के कुछ घंटों के बाद के हैं.
टनल में फंसे मजदूरों के लिए भेजा गया खिचड़ी
आधिकारिक द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में श्रमिक सुरंग में एक साथ खड़े और एक-दूसरे से बात करते दिखाई दे रहे हैं. इस बीच मलबे को आर-पार भेदकर डाली गयी छह इंच व्यास वाली पाइपलाइन के जरिए सोमवार रात को श्रमिकों तक खिचड़ी भेजी गयी थी. खिचड़ी को चौड़े मुंह वाली प्लास्टिक की बोतलों में पैक कर श्रमिकों तक पहुंचाया गया था.
सुरंग में चलाए जा रहे बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि इस पाइपलाइन से दलिया, खिचड़ी, कटे हुए सेब और केले भेजे जा सकते हैं.
10 दिन से टनल में फंसे 41 मजदूर
बचाव अभियान में जुटे सुरक्षा कर्मचारी निपू कुमार ने कहा कि संचार स्थापित करने के लिए पाइप लाइन में एक वॉकी-टॉकी और दो चार्जर भी भेजे गए हैं. श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए कई दिशाओं से किए जा रहे प्रयासों के तहत भारतीय वायुसेना ने एक सी-17 और दो सी-130जे सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान से 36 टन वजनी मशीनें पहुंचा दी हैं.
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वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य फिर से शुरू होंगे
सूत्रों ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग की ओर से अमेरिकन ऑगर मशीन से 'निकलने का रास्ता' बनाने का कार्य फिर शुरू होने वाला है. दिल्ली से आई अभियांत्रिकी टीम ने शुक्रवार दोपहर किसी कठोर सतह से टकराने के बाद रुकी इस मशीन के कलपुर्जे बदल दिए हैं. श्रमिकों से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछने वाले चिकित्सक प्रेम पोखरियाल ने बचावकर्मियों को सलाह दी है कि मंगलवार को उन्हें भोजन में मूंग दाल की खिचड़ी भेजी जाए जिसमें सोया बड़ी और मटर शामिल हों. इसके अलावा उन्होंने केला भेजने की भी सलाह दी है.
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