Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में शनिवार को रिटायर्ड IAS के घर में लूट के बाद उनकी दूसरी पत्नी मोहिनी दुबे का कत्ल (Lucknow Murder Case) का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. उनके घर में काम करने वाले दो ड्राइवर भाइयों समेत तीन आरोपी इसके मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं. आपको बता दें शनिवार को रिटायर्ड आईएएस के घर में एक करोड़ रुपए के जेवरों की लूट की गई थी. और मोहिनी दुबे का कत्ल कर दिया गया था.
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में नीले रंग की एक स्कूटी दिखी थी, जिस पर सवार होकर ड्राइवर अखिलेश अपने दोस्त रंजीत के साथ लूट और हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार हुआ था. नीले रंग की स्कूटी तक पहुंचना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. आरोपियों तक पहुंचने के लिए जॉइंट कमिश्नर क्राइम आकाश कुलिहर ने एसीपी गाजीपुर विकास जायसवाल की निगरानी में एक टीम गठित की थी.
करीब 500 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद नीली स्कूटी तक पहुंचने के लिए पुलिस ने शहर की सभी नीली स्कूटियों का ब्यौरा निकलवाया. पुलिस को पता चला कि शहर में 1060 नीले रंग की डेस्टिनी स्कूटी रजिस्टर्ड हैं. जिसके बाद सभी स्कूटियों की स्क्रीनिंग की गई और इनके मालिकों का नाम और पता निकलवाया गया.
ड्राइवर के साथ उसका भाई भी था शामिल
पुलिस के अनुसार इस वारदात को रिटायर्ड IAS के भरोसेमंद ड्राइवर अखिलेश ने ही अंजाम दिया था. उसके साथ इस घटना में उसका दोस्त रंजीत भी शामिल था. वहीं ड्राइवर का भाई रवि भी इसमें लिप्त था. पुलिस के अनुसार लूट और हत्या की साजिश उसने 15 दिन पहले ही रच डाली थी. हत्या और लूट की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस को भी खूब मशक्कत करनी पड़ी. मोहिनी दुबे के हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने शहर भर की 1060 नीली स्कूटियां चेक की थीं. सीसीटीवी की एक फुटेज में स्कूटी पर पीछे बैठे शख्स की पहचान रंजीत के रूप में हुई, उसने कुछ देर के लिए अपना हेलमेट उतारा था, जिसके बाद उसकी पहचान आसान हो गई और वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
बड़े निर्मम तरीके से की थी हत्या
आपको बता दें रिटायर्ड IAS देवेंद्र नाथ की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या बहुत ही निर्मम तरीके से की गई थी. उनके ही भरोसेमंद ड्राइवर ने दोस्त रंजीत संग मिलकर पहले मोहिनी की जान ली, फिर जिंदा रहने की कोई गुंजाइश तो नहीं यह चेक करने के लिए उनके मुंह पर एक मग पानी भी उड़ेल दिया. जिंदा बचने की किसी भी संभावना को खत्म करने के लिए हत्यारों ने मोहिनी का मुंह और नाक भी कुछ देर बंद करके रखी. हैवानियत की हद तो तब पार हो गई जब आरोपियों ने मोहिनी के सिर को पेचकस से गोद डाला. बताया जा रहा है कि मोहिनी आसानी से दरवाजा नहीं खोलती थीं. परिचितों को देखकर ही उन्होंने ताला खोल दिया था, जो कि उनके लिए जानलेवा साबित हुआ.
मोहिनी के कातिलों ने कैसे मिटाए सबूत?
रिटायर्ड आईएएस की पत्नी की हत्या के आरोपी काफी शातिर थे.उन्होंने क्राइम सीरियल देखकर ही मोहिनी की हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. ड्राइवर अखिलेश और उसके दोस्त रंजीत ने अपने फिंगर प्रिंट मिटाने के लिए दरवाजों और अलमारी की कुंडी तक से निशान गीले कपड़े से पोंछ दिए, ताकि कोई उन तक पहुंचे ही नहीं. उनके जूते के निशान किसी को ना मिलें, इसके लिए उन्होंने फर्श पर पोंछा तक लगा दिया.
पुलिस की पूछताछ में अखिलेश ने बताया कि उसकी शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी. मालिक ने शादी में बढ़िया मदद करने का भरोसा दिया था, लेकिन उसे सिर्फ 21 हजार रुपए ही दिए, बस यही बात अखिलेश को चुभ गई और उसने ऐसी वारदात को अंजाम दे दिया.
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