Foreign Minister S Jaishankar: विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने NDTV से कहा है कि अब भारत को देखने का दुनिया का नज़रिया बदल गया है. भारत अब एक अलग लीग में पहुंच गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो मोदी युग में भारत की विदेश नीति पूरी तरह से बदल गई है. विदेश मंत्री ने ये बातें NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से Exclusive बातचीत में कही. उन्होंने ये बातें अपनी नई किताब 'व्हाय भारत मैटर्स'के संदर्भ में कही. अहम ये है कि विदेश मंत्री ने देश की विदेश नीति से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों मसलन- पाकिस्तान के साथ रिश्ते, मालदीव संकट, कनाडा से रिश्ते,अमेरिका से रिश्ते और रूस-यूक्रेन युद्ध आदि पर खुलकर बात की...उन्होंने हमें बताया कि वे कैसे विदेश मंत्रालय के व्यस्त कार्यक्रमों के बीच खुद को फिट रखते हैं.
'पहली बार किसी मुल्क को दिए साढ़े 4 बिलियन डॉलर'
विदेश मंत्री से बातचीत के दौरान जब पूछा गया कि मोदी युग में भारत की विदेश नीति कितनी बदली है? तो जयशंकर ने साफ कहा- अब विदेश नीति पूरी तरह से बदल चुकी है. उन्होंने इसे विस्तार से समझाया भी. जिसके मुताबिक साल 2014 में जैसे ही मोदी सरकार बनी...हमने नेबरहुड फर्स्ट की नीति सबके सामने रखी. इसी के तहत हमने कोशिश की हम अपने पड़ोसियों के साथ सौद न करें बल्कि सच्ची दोस्ती करें. इसी नीति के तहत जब श्रीलंका भारी आर्थिक संकट में फंसा तो हमने खुले दिल से उसकी मदद की. हमने अपने इतिहास में शायद पहली बार किसी मुल्क को साढ़े चार बिलियन डॉलर की मदद दी. हमारी इस कोशिश की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. विदेश मंत्री ने कहा- ये दर्शाता है कि हम पड़ोसियों को कितना महत्व देते हैं. मालदीव के साथ रिश्तों के सवाल पर भी उन्होंने साफ नसीहत दी- उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू को जिम्मेदारी के पद पर रहते हुए अलग तरह से बर्ताव करना चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा कि मालदीव के साथ विवाद का हल निकालने के लिए भारत बात करने को तैयार है.
पाक से बातचीत का सवाल ही नहीं: जयशंकर
पाकिस्तान के साथ रिश्तों के मसले पर भी एस जयशंकर ने साफ किया कि दोनों देशों के रिश्तों में तनाव की एकमात्र वजह आतंकवाद है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान जितना आतंकवाद को समर्थन देगा, उसका उतना नुकसान होगा. पाकिस्तान से हाई लेवल की बातचीत अभी दूर की कौड़ी है. बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता.
स्क्वैश और बैडमिंटन खेलते हैं विदेश मंत्री
विदेश मंत्रालय के व्यस्त कार्यक्रम में खुद को फिट कैसे रखते हैं के सवाल पर जयशंकर कहा- मैं साल में 30-40 विदेश यात्राएं करता हूं लेकिन थकान इसलिए नहीं होती क्योंकि ये काम मुझे पसंद है. इससे मानसिक शांति मिलती है. उन्होंने बताया कि फिट रहने के लिए हर दिन खुद को एक घंटे देता हूं. स्क्वैश और बैडमिंटन खेलना पसंद है. उन्होंने हंसते हुए बताया कि मोदी सरकार में 4-5 दिन की छुट्टी पर जाना मुमकिन नहीं है.