अयोध्या में बने मनमोहक 'राम पथ' की हो रही है हर तरफ चर्चा, बढ़ा रहा है यहां की खूबसूरती

रामपथ से आगे बढ़ने पर राम जन्मभूमि पथ पहुंचा जा सकता है. इस पथ पर काम बहुत तेजी से चल रहा है. यहां के लोगों ने बताया कि यहां पहले पुराना बस अड्डा होता था लेकिन अब यहां यात्रियों के लिए कॉरिडोर तैयार हो रहा है.

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राम मंदिर के

Ram Mandir: पूरे देश में इस समय अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) की चर्चाएं चल रही हैं. सभी को 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार है. रामभक्त ये जानने के लिए उत्सुक हैं कि मंदिर किस तरह का होगा. यहां क्या -क्या नया या विशेष होगा? इस बारे में समय- समय पर कोई ना कोई खबर सामने आती रहती है. अभी भी राम मंदिर के बारे में एक रोचक खबर सामने आ रही है. अयोध्या (Ayodhya) में चार वेदों की तर्ज पर चार पथ बनाए गए हैं. अयोध्या में धर्म पथ, भक्ति पथ, राम जन्मभूमि पथ और सबसे लंबा 13 किलोमीटर का राम पथ बनाया गया है. इनमें से राम पथ की सबसे ज्यादा चर्चा है क्योंकि इसको बनाने के लिए दो दर्जन से ज्यादा मंदिरों और दर्जन भर से ज्यादा मस्जिदों को हटाना पड़ा है. इस राम पथ के बनने से अयोध्या की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ गई है.

डेढ़ साल पहले था यहां तुलसी उद्यान

अयोध्या में जहां डेढ़ साल पहले तुलसी उद्यान था आज वहां पर राम पथ है. लता मंगेशकर चौक से सहादत गंज के 13 किलोमीटर के रास्ते को चौड़ा करने के लिए दो हजार से ज्यादा मकानों और दुकानों का पुनर्निमाण करवाया गया. इस प्रक्रिया से लोग खुश हैं, लेकिन कुछ को शिकायत भी है.

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रामपथ में आगे बढ़ने पर हनुमानगढ़ी की ओर जाने वाला रास्ता भक्ति पथ मिलता है. भक्ति पथ की दुकान और घरों में केसरिया रंग रोगन किया गया है. यह रंग इस रास्ते को रामपथ से अलग करता है. चूंकि अयोध्या के कोतवाल हनुमान हैं, इसलिए लोग पहले भक्ति मार्ग से चलकर हनुमान गढ़ी के दर्शन करने जाते हैं. राम पथ पर हमें नेपाल के काठमांडू और महाराष्ट्र के श्रद्धालु भी मिले. एक श्रद्धालु ने कहा कि, ''हम राम के ससुराल जनकपुरी से आए हैं. हमने कल्पना नहीं की थी इतना सुंदर होगा. पुलिस का व्यवहार भी बहुत अच्छा है. हमने सुना था कि लोग महंगा देते हैं, लेकिन अयोध्या के लोग बहुत अच्छे हैं.''

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पहले यहां होता था पुराना बस अड्डा

रामपथ से आगे बढ़ने पर राम जन्मभूमि पथ पहुंचा जा सकता है. इस पथ पर काम बहुत तेजी से चल रहा है. यहां के लोगों ने बताया कि यहां पहले पुराना बस अड्डा होता था लेकिन अब यहां यात्रियों के लिए कॉरिडोर तैयार हो रहा है. रामपथ के 13 किलोमीटर के रास्ते में सभी दुकानों और घरों को एक रंग से पेंट किया गया है. बिल बोर्ड प्रशासन ने मुहैया कराए हैं. सोच यही है कि अयोध्या नगरी को सांस्कृतिक और धार्मिक शहर के तौर पर एक मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जाए.

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