Sushil Modi Political Journey: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और बिहार (Bihar) के उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी (Former Deputy CM Sushil Modi) का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. सुशील मोदी पिछले 6 महीने से कैंसर (Cancer Patient) की बीमारी से जूझ रहे थे. 72 साल के सुशील मोदी (Sushil Modi) उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने जेपी आंदोलन से अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. एक छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले सुशील मोदी बिहार के डिप्टी सीएम और संसद तक पहुंचे और अपने निर्वाचन क्षेत्र प्रतिनिधित्व किया.
सुशील मोदी का जन्म बिहार के पटना में 5 जनवरी 1952 में हुआ. उनकी शुरुआती और कॉलेज की पढ़ाई पटना में ही हुई. उन्होंने पटना के माइकन स्कूल से स्कूली शिक्षा और बीएन कॉलेज से बीएससी की डिग्री हासिल की. इसके बाद वे जेपी के आंदोलन में एक छात्र नेता के रूप में शामिल हुए. सुशील मोदी के परिवार में उनकी पत्नी प्रोफेसर जेसी जॉर्ज और दो बेटे उत्कर्ष तथागत और अक्षय अमृतांशु हैं.
पटना में पूरी की पढ़ाई
पटना यूनिवर्सिटी में अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले सुशील मोदी 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव बने. इसके बाद छात्र राजनीति में ही एक्टिव रहे. 1990 में वे पहली बार सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने और पटना मध्य विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने. चुनाव जीतने के बाद उन्हें भाजपा विधायक दल का मुख्य सचेतक बनाया गया. पटना मध्य सीट को अब कुम्हार विधानसभा सीट के रूप में जाना जाता है.
1990 से शुरू हुआ सदन का सफर
1990 के बाद से वे 2004 तक लगातार तीन बार विधानसभा का चुनाव जीते. इस बीच वे 1996 से 2004 तक बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे. उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया. यही वजह रही कि 2003 में पार्टी ने उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया.
2004 में भागलपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वे संसद पहुंचे, लेकिन 2005 में उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता त्याग कर बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. इसके बाद उन्हें नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया. वे 2013 तक बिहार के डिप्टी सीएम बने रहे. इसके बाद 2017 से 2020 तक सुशील मोदी एक बार फिर बिहार के डिप्टी सीएम रहे. 2020 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया.
चारों सदन के सदस्य रहे मोदी
अपने तीन दशकों से अधिक के राजनीतिक सफर में सुशील मोदी लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य बने. इस दौरान वे देश और खासकर बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे. सुशील मोदी उन चंद नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने चारों सदन में जनता का प्रतिनिधित्व किया है. सुशील मोदी ने पटना हाईकोर्ट में लालू यादव के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसे बाद में चारा घोटाले के रूप में जाना गया.
कैंसर की जानकारी देते हुए किया इमोशनल पोस्ट
72 साल के सुशील मोदी कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. इसकी जानकारी उन्होंने खुद ही दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "पिछले छह माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं. अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है. लोकसभा चुनाव में कुछ कर नहीं पाऊंगा. प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित."
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