Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर SC ने दिया आदेश, 'पूजा और नमाज अपनी-अपनी जगह रहें जारी'

Gyanvapi Case: SC ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने 'व्यास तहखाना' के अंदर देवताओं की पूजा करने की अनुमति दी गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट (SC) में सोमवार, 1 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) परिसर के व्यास तहखाने में पूजा के खिलाफ मस्जिद कमिटी की याचिका पर सुनवाई हुई. मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि निचली अदालत ने आदेश लागू करने के लिए 1 हफ्ते का समय दिया, लेकिन सरकार ने इसे तुरंत लागू कर दिया. हाईकोर्ट से भी हमें राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस पर रोक लगाना चाहिए.

फिलहाल नमाज और पूजा दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि तहखाने का प्रवेश दक्षिण से है और मस्जिद का उत्तर से. दोनों एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते. हम ये निर्देश देते हैं कि फिलहाल नमाज और पूजा दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे.

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसने वाराणसी जिला अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने 'व्यास तहखाना' के अंदर देवताओं की पूजा करने की अनुमति दी गई थी.

सीजेआई ने कहा कि अब क्या वहां पूजा हो रही है ? जिस पर मुस्लिम पक्ष की तरफ से हुजैफा अहमदी ने हामी भरते हुए कहा कि 31 जनवरी से हो रही है. इस पर रोक लगाई जाए वरना बाद में बोला जाएगा कि लंबे समय से पूजा हो रही है. अगर पूजा को इजाजत दी गई तो ये समस्या पैदा करेगा. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर नोटिस जारी किया. अहमदी ने कहा कि मेरी आशंका ये है, हर दिन पूजा चल रही है. ये मस्जिद परिसर है, तहखाने में पूजा नहीं होनी चाहिए.

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सीजेआई ने आगे कहा कि जाहिर तौर पर दो ताले थे? ताले कहां थे? जिसपर अहमदी ने कहा कि मान लें कि उनका कब्ज़ा था, उन्होंने 30 साल तक कुछ नहीं किया. 30 साल बाद अंतरिम राहत का आधार कहां है? सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा कि दूसरा लॉक किसने खोला? क्या कलेक्टर ने. अहमदी ने कहा कि उन्हें आदेश लागू करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था. उन्होंने बाधाओं को हटाने के लिए लोहे के कटर मंगवाए, ताले आदि खोले और प्रार्थनाएं शुरू कीं.

सीजेआई ने पूछा कि क्या तहखाने और मस्जिद में जाने का एक ही रास्ता है ? जिसके जवाब में अहमदी ने कहा कि तहखाना दक्षिण में हैं और मस्जिद जाने का रास्ता उत्तर में है.

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सीजेआई ने कहा कि कलेक्टर का कहना है कि दूसरा लॉक राज्य का है. अहमदी ने कहा ये सही है कि साल 1993 तक उनका कब्ज़ा था. सीजेआई ने कहा कि आपके और उनके बीच, कब्ज़ा उनके पास था. 1993 में हस्तक्षेप राज्य द्वारा किया गया था. दूसरा ताला किसने खोला? - दूसरा ताला कलेक्टर ने खुलवाया. पहला ताला व्यास परिवार के पास था.? अहमदी ने कहा कि नहीं. उन्होंने बैरिकेड्स हटाने के लिए लोहे के कटर खरीदे, रात में बैरिकेड्स हटा दिए और सुबह 4 बजे पूजा शुरू कर दी.

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