विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया बड़ा ऐलान, भारत-चीन सीमा पर विवाद से पहले वाली स्थिति लौटी वापस

India China Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक उसी तरह से  फिर से गश्त शुरू कर सकेंगे, जैसे वे मई 2020 में सीमा पर टकराव शुरू होने से पहले करते थे.

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S Jaishankar Interview India Today: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में बड़ी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक उसी तरह फिर से गश्त शुरू कर सकेंगे, जैसे वे मई 2020 में सीमा पर टकराव शुरू होने से पहले करते थे. इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी ये घोषणा की थी कि भारत और चीन के बीच हिमालयी क्षेत्रों में फिर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बन गई है. उन्होंने दावा किया कि इससे सैनिकों की वापसी और तनाव का समाधान हो सकेगा.

एस जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार की प्रस्तावित रूस यात्रा से पहले यह सफलता मिली है. जयशंकर ने एनडीटीवी के प्रधान संपादक संजय पुगलिया से कहा कि हम गश्त पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं. इसके साथ ही हम 2020 की स्थिति पर वापस आ गए हैं. लिहाजा, अब हम कह सकते हैं कि चीन के साथ सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने उचित समय पर विवरण सार्वजनिक करने की बात कही.

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धैर्यपूर्ण और दृढ़ कूटनीति से मिली सफलता

जय शंकर ने कहा कि ऐसे क्षेत्र हैं, जहां 2020 के बाद विभिन्न कारणों से अवरोध उत्पन्न हो गया था. हमने उन्हें दूर कर दिया है. हम अब एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसके मुताबिक हमारी सेना 2020 के पहले की तरह गश्त कर पाएगी. विदेश मंत्री ने कहा कि एलएसी पर मिली ये सफलता "धैर्यपूर्ण और दृढ़ कूटनीति" के कारण संपन्न हो पाया है. जय शंकर ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर विभिन्न समय पर लोगों ने लगभग हार मान ली थी, लेकिन हमने हमेशा कहा है कि हमें स्पष्ट रूप से हर बात का जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए. लिहाजा, हम सितंबर 2020 से बातचीत कर रहे थे. यह एक बहुत ही धैर्यपूर्ण प्रक्रिया रही है.

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सीमा पर शांति का बनेगा आधार

जय शंकर ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हम जब समझौते पर पहुंच गए हैं, तो मुझे लगता है कि यह सीमा पर शांति के लिए आधार बनेगा, जैसा कि 2020 से पहले था. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी चिंता थी, क्योंकि,जब सीमा पर शांति नहीं होगी , तो द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों में कैसे सुधार हो सकता है?"

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वहीं, जब उनसे पूछा गया, क्या सीमा पर शांति लौटने का फायदा चीन के साथ व्यापार को बढ़ाने में भी मिलेगा. इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि इस बात पर प्रतिक्रिया देने में थोड़ी "सावधानी" बरतूंगा कि सीमा से जुड़े मुद्दों पर सकारात्मक विकास से व्यापार संबंधों को बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा. जयशंकर ने व्यापार का जिक्र करते हुए कहा कि यह (एलएसी ब्रेकथ्रू) अभी हुआ है. मैं फिलहाल इसी पर तेजी से आगे नहीं बढ़ूने की सोचूंगा. 

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