राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक का समापन हो गया है. बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के पदाधिकारी और 394 कार्यकर्ता शामिल हुए. संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अंतिम स्वरूप दिया गया है.
बैठक में शताब्दी वर्ष की विजयदशमी से शुरू होने वाले कार्यक्रमों पर चर्चा हुई. इस अवसर पर संघ द्वारा “भारतीय संस्कृति घर-घर अभियान” चलाया जाएगा, जो 40 दिनों तक चलेगा. इस दौरान स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग तक पहुंचकर भारतीय संस्कृति, कुटुंब संबोधन और सामाजिक समरसता का संदेश देंगे.
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संघ ने “पंच परिवर्तन” कार्यक्रम पर भी जोर दिया, जिसके तहत समाज में सकारात्मक कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़ने का निर्णय लिया गया. इस अभियान में मातृशक्ति की विशेष भूमिका तय की गई है.
आगामी 9 नवंबर को बैंगलोर और कोलकाता में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत विशेष संवाद करेंगे. इसके अलावा, गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान शताब्दी वर्ष और आदिवासी शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर भी विशेष आयोजन किए जाएंगे.
बैठक में हिंदुओं की घटती जनसंख्या, युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, और ड्रग्स के अवैध कारोबार जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों पर चिंतन हुआ. दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ धर्मांतरण रोकने के लिए पंजाब में विशेष अभियान चला रहा है और छत्तीसगढ़ में नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं, जिन्हें अपने ही लोग मानकर स्वागत किया जाना चाहिए.
खड़गे के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए होसबोले ने कहा कि “उन्होंने पहले भी ऐसे वक्तव्य दिए हैं, अदालतें इस पर निर्णय दे चुकी हैं. समाज संघ को स्वीकार करता है.”
संघ ने यह भी कहा कि वह दशकों से जातीय संघर्षों और धार्मिक टकरावों को रोकने के लिए कार्य कर रहा है और जातिगत आधार पर राजनीति या जनगणना का विरोध करता है.
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