Maha Kumbh 2025: महा कुंभ मेला 2025 प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी से शुरू होने वाला है. यह आयोजन दुनिया भर के लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है. महा कुंभ मेला भारत के चार प्रमुख स्थानों में से एक में हर चार साल में आयोजित किया जाता है, और यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है.
महा कुंभ मेला 2025 के लिए पर्यटन मंत्रालय ने कई पहल शुरू की है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेंगी. यह मेला विदेशी पर्यटकों, विद्वानों, शोधकर्ताओं, फोटोग्राफरों, पत्रकारों, प्रवासी समुदाय और भारतीय डायस्पोरा को एक नया अनुभव प्रदान करेगा.
टोल-फ्री टूरिस्ट इन्फोलाइन
इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने महा कुंभ मेला 2025 में भाग लेने वाले विदेशी पर्यटकों, प्रभावशाली व्यक्तियों, पत्रकारों और फोटोग्राफरों के लिए एक समर्पित टोल-फ्री टूरिस्ट इन्फोलाइन (1800111363 या 1363) स्थापित की है. यह इन्फोलाइन अंग्रेजी और हिंदी के अलावा दस अंतरराष्ट्रीय भाषाओं और कई भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है.
पर्यटन मंत्रालय ने महा कुंभ मेला 2025 के लिए एक सोशल मीडिया कैंपेन भी शुरू किया है, जिसमें लोगों को अपने अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस अभियान में #Mahakumbh2025 और #SpiritualPrayagraj जैसे हैशटैग का उपयोग किया जा रहा है.
80 लक्जरी आवास और लक्जरी टेंट...
महा कुंभ मेला 2025 के लिए आवास और परिवहन की व्यवस्था भी की गई है. उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यूपीएसटीडीसी), आईआरसीटीसी और आईटीडीसी ने पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए टूर पैकेज और आवास विकल्प प्रदान किए हैं. आईटीडीसी ने 80 लक्जरी आवास स्थापित किए हैं, जबकि आईआरसीटीसी भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए लक्जरी टेंट विकल्प प्रदान कर रहा है.
बढ़ेगी एयर कनेक्टिविटी
इसके अलावा, पर्यटन मंत्रालय ने महा कुंभ मेला 2025 के लिए एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एलायंस एयर के साथ साझेदारी की है. यह साझेदारी प्रयागराज के लिए अधिक उड़ान विकल्प प्रदान करेगी. महा कुंभ मेला 2025 के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं. यह आयोजन दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करने वाला है, और यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है.
क्या है सही रूट?
प्रयाग महाकुंभ जाने के लिए कई रूट हैं, जो आपके स्थान और यातायात के साधन पर निर्भर करते हैं. यहां कुछ आम रूट हैं:
विमान से
- 1. लखनऊ चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (LKO): यह हवाई अड्डा प्रयागराज से लगभग 200 किमी दूर है.
- 2. वाराणसी लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (VNS): यह हवाई अड्डा प्रयागराज से लगभग 120 किमी दूर है.
- 3. प्रयागराज हवाई अड्डा (IXD): यह हवाई अड्डा प्रयागराज में स्थित है, लेकिन यहां से कम उड़ानें उपलब्ध हैं.
रेल से
- 1. प्रयागराज जंक्शन (PRYJ): यह रेलवे स्टेशन प्रयागराज में स्थित है और यहां से कई ट्रेनें उपलब्ध हैं.
- 2. प्रयागराज सिटी (PRRB): यह रेलवे स्टेशन प्रयागराज में स्थित है और यहां से कुछ ट्रेनें उपलब्ध हैं.
- 3. प्रयागराज रामबाग (PRRB): यह रेलवे स्टेशन प्रयागराज में स्थित है और यहां से कुछ ट्रेनें उपलब्ध हैं.
सड़क से
- 1. राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (NH 19): यह राजमार्ग दिल्ली से प्रयागराज तक जाता है.
- 2. राष्ट्रीय राजमार्ग 30 (NH 30): यह राजमार्ग मिर्जापुर से प्रयागराज तक जाता है.
- 3. राष्ट्रीय राजमार्ग 96 (NH 96): यह राजमार्ग फैजाबाद से प्रयागराज तक जाता है.
बस से
- 1. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC): यह बस सेवा प्रयागराज से कई शहरों तक जाती है.
- 2. प्राइवेट बस ऑपरेटर: कई प्राइवेट बस ऑपरेटर प्रयागराज से कई शहरों तक बस सेवा प्रदान करते हैं.
महाकुंभ में प्रमुख धार्मिक कार्यक्रम
- 1. शाही स्नान: महाकुंभ के दौरान तीन शाही स्नान आयोजित किए जाएंगे, जो कि मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), और बसंत पंचमी (15 फरवरी) को होंगे.
- 2. पूजा और अनुष्ठान: पड़िला महादेव मंदिर में भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक का आयोजन किया जाएगा.
- 3. पंचकोसी परिक्रमा: प्रयागराज की पंचकोसी परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु 5 प्रमुख स्थानों का दौरा करेंगे.
- 4. सांस्कृतिक कार्यक्रम: महाकुंभ के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संगीत, नृत्य, और नाटक की प्रस्तुतियां होंगी.
- 5. धार्मिक व्याख्यान: महाकुंभ के दौरान धार्मिक व्याख्यानों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें धार्मिक गुरुओं और विद्वानों द्वारा प्रवचन दिए जाएंगे.
- 6. गंगा आरती: प्रतिदिन गंगा नदी के किनारे आरती का आयोजन किया जाएगा.
- 7. यज्ञ और हवन: महाकुंभ के दौरान यज्ञ और हवन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वेदों के मंत्रों का उच्चारण किया जाएगा.
- 8. भजन और कीर्तन: महाकुंभ के दौरान भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भक्ति गीतों का गायन किया जाएगा.
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