'विशेष सत्र' में बोले PM मोदी- नेहरू, शास्त्री, मनमोहन और अटल की साझी विरासत है संसद

संसद के विशेष सत्र में पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा की. उन्होंने संसद के पुराने भवन से नए भवन में जाने तक के वाक्यों को याद किया. उन्होंने कहा कि ये संसद पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहेब आंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, अटल बिहार वाजपेयी और मनमोहन सिंह की साझी विरासत है.

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संसद के विशेष सत्र में पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा की. उन्होंने संसद के पुराने भवन से नए भवन में जाने तक के वाक्यों को याद किया. उन्होंने कहा कि ये संसद पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहेब आंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, अटल बिहार वाजपेयी और मनमोहन सिंह की साझी विरासत है. पीएम ने कहा कि पुरानी संसद भवन को विदेशियों ने बनाया था लेकिन परिश्रम और पसीना भारतीयों का लगा था. पीएम ने भावुक होते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा आज देश की संसद में है तो ये हमारे संसदीय लोकतंत्र की वजह से ही है. पीएम ने याद किया कि इसी सदन ने देश के तीन प्रधानमंत्रियों को उनके कार्यकाल में खोया और आंखों में आंसू लाकर विदाई दी. 

पुराने संसद से जाना भावुक पल: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने संसद के नए भवन में जाने को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा-ये बहुत ही भावुक पल है. परिवार भी जब पुराना घर छोड़कर नया जाता है तो बहुत सारी यादें कुछ पल के लिए उसे झकझोर देती हैं.ये हम सब की सांझी विरासत है. पीएम ने कहा कि इसी भवन में दो साल 11 महीने तक संविधान सभा हुई और उसने देश को मार्गदर्शक संविधान दिया. इन 75 वर्षों में देशवासियों का संसद पर विश्वास बढ़ता ही गया है। लोकतंत्र की सबसे बड़ी खासियत यही है कि लोगों का इस संस्था के प्रति विश्वास अटूट रहे. सरदार वल्लभ भाई पटेल,लोहिया जी ने देशवासियों की आवाज को ताकत देने का काम इस सदन में किया है. पीएम ने कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि 25 साल की चंद्राणी मुर्मू इस सदन की सबसे छोटी सदस्य बनीं थी। अनेक संकटों और परेशानियों के बावजूद सांसद, संसद में आए हैं और शारीरिक परेशानी के बावजूद अपने जनप्रतिनिधि कर्तव्य का पालन किया.  

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कल और आज को जुड़ने का अवसर मिला: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के इस सदन पर आतंकी हमला हुआ.यह हमारी जीवात्मा पर हमला था,ये देश कभी उसे भूल नहीं सकता. जिन्होंने सदस्यों को बचाने  केलिए अपने  सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनकों भी नमन करता हूं. आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो मैं उन पत्रकारों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने यहां की पल-पल की जानकारी देश को उपलब्ध कराई. पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का अवसर है क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी बनने का अवसर मिल रहा है. कल और आज से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। नई उमंग, नए उत्साह से हम यहां से विदा लेने वाले हैं. सदन की दीवारों से हमने जो प्रेरणा,नया विश्वास पाया है,उसे हम आगे लेकर जाएंगे. 

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सदन ने कई उतार-चढ़ाव देखे: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कई दिलचस्प वाकयों को भी याद किया.उन्होंनेक कहा कि भारत के लोकतंत्र में तमाम उतार-चढ़ाव हमने देखे हैं और ये सदन लोकतंत्र की ताकत है.इसी सदन में चार सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में होती थी. इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी थी. नरसिम्हा राव घर जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन  इस सदन की ताकत से अगले पांच साल के लिए देश के पीएम बने. 2000 की अटल जी की सरकार में तीन राज्यों का गठन हुआ. जिसका हर किसी ने उत्सव मनाया. इसी सदन ने कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को खत्म किया. इसी सदन के सदस्यों ने कोरोना काल में सांसद फंड का पैसा जनहित में दिया.
 

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