PM Modi Mizoram Visit: मिजोरम को नई ट्रेन की सौगात; PM मोदी की 'एक्ट ईस्ट' नीति, पूर्वोत्तर में रेलवे का विकास

Bairabi-Sairang Railway Line Inauguration: बइरबी–सायरंग नई रेल परियोजना पूरी हो गई है. इसके साथ ही, मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण करने वाले हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Bairabi-Sairang Railway Line Inauguration: मिजोरम को नई ट्रेन की सौगात; PM मोदी की 'एक्ट ईस्ट' नीति, पूर्वोत्तर में रेलवे का विकास

Bairabi-Sairang Rail Line: भारतीय रेल ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए, आजादी के बाद पहली बार मिजोरम की राजधानी आइजोल को देश के रेल मानचित्र से जोड़ा है. बइरबी–सायरंग रेल परियोजना के पूरा होने से पूर्वोत्तर भारत की चौथी राजधानी को रेल संपर्क प्राप्त हुआ है. यह परियोजना न केवल भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण मानी जाती है, बल्कि इंजीनियरिंग और निर्माण की दृष्टि से भी भारतीय रेल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मिजोरम के दौरे पर रहेंगे, जहां वे कई योजनाओं की सौगात देंगे. पीएम मोदी के दौरे के बारे में मिजोरम के राज्यपाल जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के लिए कहा था कि भारत केवल 'लुक ईस्ट' नीति का पालन नहीं कर रहा, बल्कि 'एक्ट ईस्ट' नीति पर काम कर रहा है.

मिजोरम के विकास पर फोकस

राज्यपाल जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा, "2014 में प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के लिए कहा था कि भारत केवल 'लुक ईस्ट' नीति का पालन नहीं कर रहा, बल्कि 'एक्ट ईस्ट' नीति पर काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र के देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना है. इसके लिए क्षेत्र का विकास और बेहतर कनेक्टिविटी जरूरी है. इसी के मद्देनजर मिजोरम के विकास पर फोकस किया जा रहा है."

 मिजोरम को पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य संपन्न : केके शर्मा

Advertisement

नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ केके शर्मा ने बताया कि मिजोरम का भौगोलिक स्वरूप कठिन और पहाड़ियों वाला है. यहाँ रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए अनेक पुलों और सुरंगों की आवश्यकता थी. इस परियोजना में कुल 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल बनाए गए हैं. इसके अलावा 48 सुरंगों का निर्माण किया गया है, जिनकी कुल लंबाई 12.8 किलोमीटर से अधिक है.

परियोजना का सबसे उल्लेखनीय इंजीनियरिंग चमत्कार है पुल संख्या 196 का पियर P-4, जिसकी ऊँचाई 114 मीटर है. यह कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ऊँचा है. इसके अतिरिक्त, यात्रियों और माल ढुलाई की सुगमता के लिए 5 रोड ओवरब्रिज (ROB) और 6 रोड अंडरब्रिज (RUB) का भी निर्माण किया गया है.

रेलवे इंजीनियरों ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इस परियोजना को पूरा किया. नरम मिट्टी, बरसात से भरे मौसम और दुर्गम पहाड़ियों पर काम करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. इसके बावजूद, ऑटोमैटिक टनलिंग मेथड जैसी आधुनिक तकनीकों, सुरक्षा उपायों और सटीक निर्माण योजना की मदद से सुरंगों की ड्रिलिंग, पुलों की नींव डालने तथा ऊँचाई पर विशाल संरचनाएँ खड़ी करने जैसे जटिल कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए, ताकि यात्रियों की रेल यात्रा न केवल तेज और आरामदायक हो, बल्कि सुरक्षित भी हो.

Advertisement
"पीएम मोदी का उद्देश्य था कि हर राजधानी में ट्रेन पहुंचे. इसी कड़ी में मणिपुर में काम चल रहा है, मिजोरम में ट्रेन सेवा पहुंच गई है और नागालैंड में भी विस्तार किया जा रहा है. इसके अलावा, सिक्किम में भी ट्रेन सेवा को लेकर काम जोरों पर चल रहा है."

रेलवे विकास का प्रमुख आधार है. कहीं भी विकास तभी शुरू होता है, जब रेल कनेक्टिविटी स्थापित हो जाती है. यह कम लागत पर अधिक माल परिवहन की सुविधा देता है. पहले जलमार्ग, फिर रेल और उसके बाद हवाई परिवहन आता है, लेकिन रेलवे के आगमन से जनता को एक मजबूत कनेक्शन मिलता है, जिससे लोग और सामान कुशलतापूर्वक आवागमन कर सकते हैं और सच्चे अर्थों में जुड़ाव की भावना पैदा होती है.

परियोजना का स्वरूप और लागत

बइरबी–सायरंग रेल परियोजना की कुल लंबाई 51.38 किलोमीटर है. यह बइरबी से शुरू होकर आइजोल के निकट स्थित सायरंग तक जाती है. परियोजना को चार प्रमुख सेक्शनों में बांटा गया है:

Advertisement
  • बइरबी–हरतकी सेक्शन- 16.72 किमी
  • हरतकी–कावनपुई सेक्शन– 9.71 किमी
  • कावनपुई–मुअलखांग सेक्शन– 12.11 किमी
  • मुअलखांग–सायरंग सेक्शन– 12.84 किमी

पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग ₹8071 करोड़ रुपये से अधिक है. इस परियोजना के तहत चार नए स्टेशन- हरतकी, कावनपुई, मुअलखांग और सायरंग का निर्माण किया गया है.

सुनिए स्थानीय लोग का क्या कहना है?

इस रेल लाइन से ये फायदा होगा

भारतीय रेल की यह परियोजना केवल मिजोरम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूर्वोत्तर भारत के लिए एक नई विकास गाथा लिखती है. बेहतर रेल संपर्क से इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएँ बढ़ेंगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. यह परियोजना ‘कनेक्टिंग नॉर्थईस्ट टू द नेशन' के संकल्प को मजबूत करती है.

  • बइरबी–सायरंग रेल परियोजना मिजोरम की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित होगी.
  • कृषि और स्थानीय उद्योग के लिए नए बाजार: मिजोरम के किसान, बुनकर और स्थानीय उद्योग अब अपने उत्पादों को आसानी से देश के अन्य हिस्सों तक पहुँचा पाएंगे.
  • माल ढुलाई की दक्षता: रेल मार्ग से माल परिवहन तेज और सस्ता होगा, जिससे व्यापार और उद्योग को बल मिलेगा.
  • समय की बचत: सड़क मार्ग पर ज्यादा समय लेने वाली यात्रा अब ट्रेनों के जरिए कम समय में पूरी होगी.
  • पर्यटन को बढ़ावा: मिजोरम की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर तक पहुँच आसान होगी, जिससे पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी.

बइरबी–सायरंग रेल परियोजना भारतीय रेल की इंजीनियरिंग दक्षता, दूरदर्शी योजना और विकास के प्रति प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण है. कठिन पहाड़ियों और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों को पार करते हुए यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत की जीवनधारा को नई गति देती है. आइजोल का रेल मानचित्र से जुड़ना मिजोरम के साथ पूरे देश के लिए गर्व का विषय है.

पूर्वोत्तर में नई रेल क्रांति

अब तक पूर्वोत्तर क्षेत्र की तीन राजधानियाँ—गुवाहाटी (असम), ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) और अगरतला (त्रिपुरा)- सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ी थीं.  मई 2025 में सायरंग तक सफल ट्रायल रन के साथ आइजोल इस सूची में चौथी राजधानी बन गई. यह ऐतिहासिक कदम न केवल मिजोरम के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति का मार्ग भी प्रशस्त करता है.

यह भी पढ़ें : Indian Railways: मिजोरम को पहली बार राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने का ऐतिहासिक काम पूरा, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

यह भी पढ़ें : Gandhi Sagar Forest Retreat: लग्जरी कैंपिंग में एडवेंचर; CM करेंगे गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का शुभारंभ

यह भी पढ़ें : लाडली बहनों के खाते में आज ट्रांसफर होगी 28वीं किस्त, सीएम 53.48 लाख खातों में डालेंगे सामाजिक सुरक्षा पेंशन

यह भी पढ़ें : International Hindi Olympiad: विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड; हिंदी का वैश्विक प्रचार-प्रसार इस दिन से