Operation Sindoor: पाकिस्तान ने 07-08 मई 2025 की रात ड्रोन और मिसाइलों द्वारा अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया. रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि इन हमलों को एकीकृत काउंटर यूएएस ग्रिड और वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा बेअसर कर दिया गया. इन हमलों के कई स्थानों से बरामद मलबे पाकिस्तानी हमलों की पुष्टि करते हैं. वहीं प्रेस वार्ता के दौरान इन पर पूरी जानकारी दी गई. सुनिए किसने क्या कहा?
सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया: कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात हुई प्रेस वार्ता में भारत ने अपनी प्रतिक्रिया को संतुलित बताया था. भारत ने बताया था कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है. साथ ही दोहराया गया कि भारत में किसी भी सैन्य लक्ष्य पर हमले का उचित जबाव दिया जाएगा. 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई सैन्य ठिकानों जैसे अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया. इन हमलों को वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया. इन हमलों का मलबा कई स्थानों से बरामद हुआ, जो पाकिस्तानी हमलों का प्रमाण है."
अब जानिए व्योमिका सिंह ने क्या कहा?
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, "पाकिस्तान ने LoC के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा पर अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है. पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं. भारत को पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और आर्टिलरी की गोलीबारी को रोकने के लिए जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारतीय सशस्त्र बल गैर-वृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, बशर्ते कि इसका पाकिस्तानी सेना द्वारा सम्मान किया जाए.
क्या है भारत का 'सुदर्शन चक्र'?
भारत के पास रूस से आया लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम S-400 SAM (सरफेस टू एयर मिसाइल) है. S-400 हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है. भारत ने इसे रूस से खरीदा है. एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम किसी भी देश के लिए रक्षा कवच है. इसकी मदद से दुश्मन देश की तरफ से आने वाले रॉकेट, मिसाइल या ड्रोन को पहले डिटेक्ट किया जाता है.
S-400 SAM को रूस के अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो द्वारा 1980 के दशक के अंत में विकसित किया गया था. हर S-400 स्क्वाड्रन में 16 वाहन (व्हिकल) होते हैं, जिनमें लॉन्चर, रडार, कंट्रोल सेंटर्स और सहायक वाहन शामिल हैं. यह 600 किमी दूर तक हवाई खतरों को ट्रैक कर सकता है. S-400 चार प्रकार की मिसाइलों का उपयोग करता है, जो 400 किमी तक की दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं.
कई डोमेन विशेषज्ञों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि अभियान में लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया. हालांकि, इसपर अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
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