इतिहास का सबसे 'लंपट मूर्ख' बादशाह, गजब का था सनकी, अपने ही बेटे की फुड़वा दी थी आंखें

Mughal Emperor Jahandar Shah: औरंगजेब के बाद की पीढ़ियां मुगलों को बर्बादी की तरफ ले गईं. कुछ बादशाह ऐसे भी हुए जिनकी अय्याशी और मूर्खता ने उन्हें इतिहास में मुगल विरासत का नाम बदनाम कर दिया. इन्हीं हरकतों के कारण इतिहासकारों ने 'लंपट मूर्ख' मुगल कहकर संबोधित किया.

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Indian History, Lampat King: भारत में मुगल बादशाह बाबर से लेकर औरंगजेब तक राज किया. इनमें से कई मुगल बादशाह बेहद क्रूर थे. हालांकि भारत में मुगलों ने कई शानदार निर्माण कराए हैं, जो आज भी मौजूद हैं, लेकिन औरंगजेब के बाद की पीढ़ियां मुगलों को बर्बादी की तरफ ले गईं. कुछ बादशाह ऐसे भी हुए जिनकी अय्याशी और मूर्खता ने उन्हें इतिहास में बदनाम कर दिया और मुगल विरासत को चौपट कर दिया. 

इस मुगल बादशाह का नाम जहांदार शाह था, जिसे इतिहासकारों ने 'लंपट मूर्ख' मुगल कहकर संबोधित किया. यह शासक अपनी रंगीन मिजाजी, अजीबोगरीब हरकतों के लिए जाना जाता था.

1 साल भी नहीं कर पाया शासन

जहांदार शाह सम्राट बहादुर शाह प्रथम का पुत्र और सम्राट औरंगजेब का पोता था. जहांदार ने 1712 में अपने पिता बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु के बाद अपने भाइयों को हराकर मुगल तख्त पर कब्जा किया. हालांकि उसका शासनकाल महज 9 महीने ही चल सका. उसकी बदनाम अय्याशियों ने उसे सत्ता से दूर कर दिया.

लाल कुंवर के मोह में फंसा बादशाह

भोगविलास में डूबे रहने वाले जहांदार शाह का जीवन पूरी तरह ऐशो-आराम और अय्याशी में डूबा था. कहा जाता है कि वो बचपन से ही शराब और मुजरे का शौकीन था और यही आदतें उसके शासनकाल में भी बनी रहीं, जिसके कारण मुगल विरासत कमजोर हो गया. इतिहासकार के मुताबिक, जहांदार शाह ने एक तवायफ लाल कुंवर को दरबार में नाचते देखा और उसे अपनी बेगम बना लिया. खास बात यह थी कि लाल कुंवर की उम्र जहांदार शाह से लगभग दोगुनी थी.

बेटों की फोड़ दी थी आंखें

जहांदार शाह ने लाल कुंवर को 'इम्तियाज महल' की उपाधि दी और दरबार में लाल कुंवर की हुकूमत चलती थी. उसने अपने रिश्तेदारों को ऊंचे ओहदों पर बैठा दिया. जहांदार शाह उसकी हर बात मानता था. बता दें कि लालकुंवर को जहांदार शाह के सगे बेटे फूटी आंख भी नहीं सुहाते थे. उसने इनको रास्ते से हटाने का फैसला किया.अपने दोनों बेटों की आंखें फोड़ कर कैदखाने में डालने के लिए मनाया. लाल कुंवर के कहने पर जहांदार शाह ने अपने दोनों बेटों को आंख फोड़वा कर कैदखाने में डाल दिया.

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दरबार में पहुंच जाता था नंगा 

जहांदार शाह की सनक और मूर्खतापूर्ण हरकतों के लिए जाना जाता है. कभी वो नशे में चूर होकर औरतों के कपड़े पहनकर दरबार में आ जाता था, तो कभी नंगा होकर गद्दी पर बैठ जाता था. 

कैदखाने में हुई हत्या

जहांदार महज 9 महीने ही मुगल साम्राज्य की गद्दी पर रह पाया. दरअसल, 1713 में उसके भतीजे फर्रूखसियर ने उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. 6 जनवरी 1713 को फर्रूखसियर ने उसे हराकर सत्ता पर कब्जा कर लिया. पराजित जहांदार शाह लाल कुंवर के साथ भागकर दिल्ली में शरण लेने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसे पकड़ लिया गया.बाद में कैदखाने में बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई.

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