Maharashtra Jharkhand Results: महाराष्ट्र में जहां महायुति गदगद है, वहीं झारखंड में सोरेन की एक बार फिर वापसी हो गई है. दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद लोगों के जहन में सवाल है कि आखिर इन परिणामों के पीछे कौन-कौन से फैक्टर अहम रहे. राजनीति के जानकारों का मानना है कि दोनों सूबों में महिलाओं ने चुनाव परिणाम को बखूबी प्रभावित किया है. यहां महिलाएं गेमचेंजर साबित हुई हैं. दरअसल, उन्होंने उन दलों को वोट किया जिन्होंने उनकी चिंता की.
लाडली बहिन योजना ने दिया मौका?
महाराष्ट्र चुनाव में लाडली बहिन योजना का महायुति को बंपर फायदा मिलता नजर आ रहा है. इस महिला केंद्रित योजना का चुनाव प्रचार के दौरान खूब बखान किया गया. इस बार यहां के चुनाव में महिलाओं की भागीदारी अच्छी-खासी देखने को मिली. महायुति को इस बात का भी फायदा मिला जब उन्होंने सत्ता में वापसी पर 'लाडली बहिन योजना' के तहत मिलने वाली राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया.
हेमंत को ‘मइया' का दुलार
झारखंड में हेमंत सोरेन को दोबारा सत्ता मिलने में महिला मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इस जीत के बाद मइया सम्मान निधि योजना की काफी चर्चा हो रही है. हेमंत सरकार ने महिलाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव से पहले मइया सम्मान निधि का ऐलान किया था. इस योजना के अंतर्गत चुनाव से पहले महिलाओं के अकाउंट में हजार-हजार रुपये आ चुके हैं.
जबकि चुनाव के ऐलान से कुछ वक्त पहले हेमंत सोरेन ने कहा था कि अब हर महीने 2500 रुपये मिलेंगे. इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की शुरुआत हुई थी. लिहाजा आज जो नतीजे आए हैं उसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं लेकिन यह भी समझ आ रहा है कि हेमंत सोरेन का यह कदम इस चुनाव में तुरूप का इक्का साबित हुआ.
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