Analysis: एनडीए को ले डूबा अति उत्साह, सामने आई 300 का आंकड़ा नहीं छू पाने की बड़ी वजह?

The Reason Behind UP Debacle: बड़ा सवाल है कि आखिर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए कमर कसकर तैयारी में जुटी एनडीए से कहां चूक हुई, जिससे 400 सीट का दावा कर रही पार्टी 298 सीटों तक सिमटती दिख रही है. इस चुनाव में बीजेपी अकेले 240 से अधिक सीटें मिली है.

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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी सरकार के तीसरे टर्म में ग्रहण बनकर उभरे मुद्दे को लेकर विश्लेषण शुरू हो गया है. हालांकि अभी तक मतगणना जारी है और एनडीए अपने बलबूते पर सरकार बनाने में सक्षम दिख रही है. कहते हैं, जिसका यूपी में राज होता है, वो केंद्र में सत्तासीन होता है, लेकिन इस बार यूपी से एनडीए को झटका लगा है.

लोकसभा चुनाव 2024 के अभी तक के मतगणना के जारी आंकड़ों के अनुसार एनडीए 298 लोकसभा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि इंडिया गठबंधन 230 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. वहीं, अन्य स्थानीय दलों के खातों में 18 सीट जाती दिख रही है.

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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए चूक गई बीजेपी के छत्रप

बड़ा सवाल है कि आखिर मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए कमर कसकर तैयारी में जुटी एनडीए से कहां चूक हुई, जिससे 400 सीट का दावा कर रही पार्टी 298 सीटों तक सिमटती दिख रही है. इस चुनाव में बीजेपी अकेले 240 से अधिक सीटें मिली है, जबकि पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी अकेले क्रमशः 2014 लोकसभा में 282 सीट और 2029 लोकसभा चुनाव में 303 सीटें जीती थीं.

सामने आई एनडीए के 300 का आंकड़ा नहीं छू पाने की बड़ी वजह?

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी नीत एनडीए 300 का आकंड़ा नहीं छू पाने के पीछे वजह क्या है इसकी पड़ताल शुरू हो गई है. राजनीतिक विश्लेषक राम कृपाल सिंह के मुताबिक बीजेपी का अति उत्साह उत्तर प्रदेश में उसकी दुर्गति का कारण  है. उन्होंने कहा कि यूपी में पिछले चुनाव में 68 सीटें जीतने वाली पार्टी के 39 सीटों पर सिमटने के पीछे दो बड़ी वजहे हैं.

भाजपा के छुटभैय्ये नेताओं के ऊल-जुलूल बयानों ने डूबोई एनडीए की नैया?

लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के पिछड़ने की बड़ी वजह भाजपा के छुटभैय्ये नेताओं द्वारा आरक्षण और संविधान को खत्म करने वाले बयान है. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी चुनावी रैली में आरक्षण और संविधान खत्म करने वाले को कवर करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा लगता है कि विपक्ष मतदाताओं को समझाने में सफल रही.

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उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दुर्गति का बड़ा कारण उन पीड़ितों की हूक भी है, जब अयोध्या-काशी मार्ग चौड़ीकरण के नाम कर सैंकड़ों घर व दुकानें को तुगलकी फरमान से एक झटके में गिरा दिया गया. इस यातना के बाद योगी सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजा देना भी उचित नहीं समझा गया.

इसलिए बीजेपी के काम नहीं आया अयोध्या राम मंदिर निर्माण जैसा बड़ा मुद्दा 

गौरतलब है अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एक बड़ा मुद्दा था, जिससे माना जा रहा था कि बीजेपी और एनडीए उत्तर प्रदेश में पिछला सारा रिकॉर्ड तोड़ देगी, लेकिन हुआ उसका उल्टा, जिससे प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत सभी बीजेपी नेता हक्के-हक्के हुए बिना नहीं रह सकेंगे.

राम मंदिर को लेकर अति उत्साह के शिकार हो गए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ

अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सभी सीटों को जीता हुआ मानकर योगी आदित्यनाथ भी अति उत्साह दिखी थी, जब योगी सरकार ने शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर लोगों के दुकानें और पुश्तैनी घरों को एक झटके में गिरा दिया और कानूनी पचड़े में फंसाकर पीड़ितों को मनमाने मुआवजे थमाए.

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अयोध्या सौंदर्यीकरण के नाम पर पीड़ितों को पकड़ाए गए मुआवजे में मूंगफली

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दुर्गति का एक बड़ा कारण पीड़ितों की हूक भी कहा जा सकता है. योगी सरकार ने अयोध्या-काशी मार्ग चौड़ीकरण के नाम कर सैंकड़ों घरों और व्यापारियों के दुकानों को तुगलकी फरमान सुनाकर एक झटके में गिरा दिया. इस यातना के बाद योगी सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देना भी उचित नहीं समझा, जिसने मुआवजा मांगा, उसे राम मंदिर के नाम डरा-धमकाकर चुप करा दिया गया.

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