आखिरकार तिहाड़ से बाहर आए दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, SC ने दी है 21 दिनों की अंतरिम जमानत

आखिरकार 21 दिन की अंतरिम जमानत पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए. वे तिहाड़ जेल के गेट नंबर 4 से शाम को जब बाहर आए तो वहां AAP कार्यकर्ताओं के हुजूम ने उनका स्वागत किया. इस दौरान इन कार्यकर्ताओं ने जेल के बाहर मिठाइयां भी बांटी. जिसके बाद केजरीवाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ घर के लिए रवाना हो गए. जहा उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के जजों का धन्यवाद करना चाहता हूं

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Delhi Liquor Scam: आखिरकार 21 दिन की अंतरिम जमानत (Interim bail) पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) तिहाड़ जेल से बाहर आ गए. वे तिहाड़ जेल के गेट नंबर 4 से शाम को जब बाहर आए तो वहां AAP कार्यकर्ताओं के हुजूम ने उनका स्वागत किया. इस दौरान इन कार्यकर्ताओं ने जेल के बाहर मिठाइयां भी बांटी. जिसके बाद केजरीवाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ घर के लिए रवाना हो गए. जहा उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के जजों का धन्यवाद करना चाहता हूं. उन्होंने कहा- बह 11 बजे कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर जाएंगे। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को आने की अपील की है. केजरीवाल ने ये भी कहा- मैं आपके बीच में आकर कहना चाहता हूं हमें देश को तानाशाही से बचाना है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने दिल्‍ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) मामले में उन्हें चुनाव प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं.  

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछे सवाल

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट नेदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते ED से  कई सवाल पूछे थे. ईडी से सवाल किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गवाहों, आरोपियों से सीधे प्रासंगिक सवाल क्यों नहीं पूछे गए? कोर्ट ने ईडी द्वारा जांच में लिए गए समय पर सवाल उठाया और कहा कि उसने चीजों को सामने लाने में दो साल लगा दिए.

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा 

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि केजरीवाल को डेढ़ साल तक गिरफ्तार नहीं किया गया. अरविंद केजरीवाल को पहले भी गिरफ्तार किया जा सकता था. 21 दिनों की जमानत से कुछ नहीं होगा. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक जून तक वे बाहर रहेंगे. लेकिन केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना पड़ेगा. कोर्ट ने आगे कहा कि हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए. उन्हें मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी.  इधर ईडी ने इस फैसले को समानता के नियम के खिलाफ बताते हुए कहा है कि यह संभव नहीं है कि एक छोटे किसान या एक छोटे कारोबारी का काम रोक दिया जाए और एक नेता को चुनाव प्रचार की अनुमति दे दी जाए. ये वही केजरीवाल थे, जिन्होंने ईडी के समन को चुनाव प्रचार का हवाला देते हुए दरकिनार कर दिया था.

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